गढ़वा : भगवान परशुराम जयंती के पावन अवसर पर झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) द्वारा गढ़वा जिले के रंका मोड़ पर एक सराहनीय सामाजिक पहल के तहत शीतल शर्बत वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। भीषण गर्मी के मौसम में राहगीरों और जरूरतमंदों के बीच इस सेवा भाव ने स्थानीय जनता के दिल को छू लिया। यह आयोजन न केवल धार्मिक श्रद्धा का प्रतीक रहा, बल्कि समाज सेवा के प्रति झामुमो की प्रतिबद्धता का भी सशक्त उदाहरण बना।
कार्यक्रम की शुरुआत सुबह से ही हो गई थी, जब झामुमो कार्यकर्ता शर्बत तैयार करने और वितरण की व्यवस्था में जुट गए थे। जैसे-जैसे दिन चढ़ा और तापमान बढ़ा, वैसे-वैसे रंका मोड़ से गुजरने वाले लोग इस सेवा से लाभान्वित होते गए।
कार्यक्रम में झामुमो के कई स्थानीय नेता, वरिष्ठ कार्यकर्ता और युवा मोर्चा के सदस्य मौजूद थे। सभी ने मिलकर सेवा कार्य में भाग लिया और लोगों को शर्बत पिलाते हुए भगवान परशुराम जयंती की शुभकामनाएं दीं। इस दौरान कई लोगों ने कहा कि गर्मी में जब प्यास से गला सूख रहा हो, तब ऐसे ठंडे शर्बत की व्यवस्था किसी आशीर्वाद से कम नहीं है।
झामुमो नेताओं ने इस अवसर पर भगवान परशुराम के जीवन चरित्र और उनके सामाजिक योगदान पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि परशुराम जी का जीवन सत्य, धर्म और अन्याय के विरुद्ध संघर्ष का प्रतीक है।
पार्टी नेताओं ने कहा कि झामुमो केवल राजनीतिक गतिविधियों तक सीमित नहीं है, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारियों को निभाना उसका एक प्रमुख लक्ष्य है। इस प्रकार के आयोजन लोगों से सीधा संवाद स्थापित करने और उनके बीच भरोसा कायम करने का माध्यम हैं। जब राजनीतिक संगठन समाज सेवा के काम करते हैं, तो जनता में उनके प्रति सम्मान और भरोसा स्वतः विकसित होता है।
स्थानीय लोगों ने झामुमो की इस पहल की खुलकर सराहना की। एक स्थानीय महिला ने कहा, "हमने कई पार्टियों को देखा है, लेकिन ऐसे मौके पर जब जरूरत हो, तो सेवा के लिए आगे आना बड़ी बात होती है।
कार्यक्रम में महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों के लिए विशेष व्यवस्थाएं की गई थीं। कतारबद्ध तरीके से शर्बत वितरित किया गया, जिससे भीड़ में कोई अव्यवस्था न हो। कार्यक्रम स्थल की स्वच्छता और सुरक्षा का भी विशेष ध्यान रखा गया, जो आयोजन की सजगता और संवेदनशीलता को दर्शाता है।
कार्यक्रम के अंत में झामुमो कार्यकर्ताओं ने भविष्य में भी इसी तरह सामाजिक कार्यों को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया। उन्होंने कहा कि धार्मिक पर्वों को समाज सेवा से जोड़कर ही उनका असली महत्व सिद्ध किया जा सकता है।
इस आयोजन में धीरज दुबे, मनोज तिवारी, राजेश तिवारी, नारद तिवारी, ज्योतिष धर दुबे, जितेंद्र दुबे, रविन्द्र तिवारी, कार्तिक पांडे, किशोर ओझा, अरविंद मिश्रा, संजय मिश्रा, प्रमोद तिवारी, मुकेश तिवारी, रंजन तिवारी, नवलेश धर दुबे, रवि रंजन दुबे, विपुल तिवारी, अभिषेक धर दुबे, प्रेम प्रकाश दुबे, अविनाश दुबे, गूंजन धर दुबे, हिमांशु दुबे, आशीष अग्रवाल, फुजैल अहमद, अमित पांडे, आशीष धर दुबे, अनंत दुबे, रंजन तिवारी, कुश उपाध्याय, श्याम नारायण उपाध्याय, संजय मिश्रा शामिल थे।