गढ़वा : सुश्रुत सेवा संस्थान में गुरु नानक देव जी का प्राकट्य दिवस बड़ी श्रद्धा और भक्ति भाव के साथ मनाया गया।

इस अवसर पर कई अतिथि, समाजसेवी एवं स्थानीय गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे और उन्होंने गुरु नानक देव जी के जीवन से जुड़े प्रेरक प्रसंगों की चर्चा की।
कार्यक्रम की शुरुआत वाहेगुरु के जयकारों से हुई।
डॉ. टी. पियूष ने अपने संबोधन में कहा कि भारतीय संस्कृति की रक्षा में सिख गुरुओं का योगदान अद्वितीय रहा है। सेवा की प्रेरणा हमें वाहेगुरु के उपदेशों और गुरुओं के जीवन से मिलती है।

रामनवमी पूजा महासमिति (जनरल) के संरक्षक मुरली श्याम सोनी ने कहा कि गुरु नानक देव जी के विचार आज भी समाज के लिए पथप्रदर्शक हैं। हमें उनके दिखाए मार्ग पर चलकर समाज के कमजोर वर्गों की सेवा करनी चाहिए।
समाजसेवी ज्योति प्रकाश ने गुरु नानक देव जी के जीवन से जुड़ी घटनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने प्रेम, करुणा और समानता का संदेश दिया।
नगर परिषद् अध्यक्ष प्रत्याशी विभा प्रकाश ने सभी को गुरु नानक देव जी के जन्मदिवस की बधाई देते हुए संकल्प कराया कि हम सभी उनके दिखाए सद्मार्ग पर चलने का प्रयास करेंगे।
पंडित हर्ष द्विवेदी कला मंच के निदेशक नीरज श्रीधर 'स्वर्गीय' ने बताया कि गुरु नानक देव जी ने अपने श्रेष्ठ कार्यों से बुरे से बुरे लोगों का भी हृदय परिवर्तन किया।
श्री जानकीबाग पूजा समिति के अध्यक्ष पुरुषोत्तम सिंह चंदेल, जिन्होंने कार्यक्रम का संचालन किया, ने उस प्रसंग का उल्लेख किया जब गुरु नानक देव जी ने मेहनत की कमाई से प्राप्त रोटी को अत्याचार की पूड़ी से श्रेष्ठ बताया था।
संतोष पुरी ने एक अन्य प्रेरक प्रसंग साझा करते हुए कहा कि गुरु जी ने हठधर्मियों को यह समझाया कि ईश्वर सर्वव्याप्त हैं, इसलिए किसी दिशा में पैर करके सोना भी ईश्वर का अनादर नहीं है।
इस अवसर पर श्याम नारायण पांडेय, विवेक कुमार (दवा व्यवसायी), अमरेश कुमार चंद्रवंशी (व्यवस्थापक), चितरंजन कुमार (लैब इंचार्ज), ओम प्रकाश कुमार विश्वकर्मा, मुकेश कुमार बैठा, समरेश कुमार, अमिता कुमारी, वरिष्ठ अधिवक्ता अमोद कुमार सिन्हा एवं उनकी सुपुत्री संध्या सुमन सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।