गढ़वा : शिक्षकों को विद्यालय में अनुशासन बनाए जाने के विरोध में उन्हें पीटा जाना शिक्षा विभाग और संबंधित के लिए बेहद ही शर्मनाक है : सुशील कुमार
झारखण्ड ऑफिसर्स टीचर्स एंड एंप्लॉई फेडरेशन (झारोटेफ) की जिला इकाई के जिलाध्यक्ष सुशील कुमार ने दैनिक भास्कर में प्रकाशित खबर का हवाला देते हुए शिक्षिका के साथ मारपीट की घटना को बेहद शर्मनाक बताया और इस पर कड़ा ऐतराज जताया। उन्होंने शिक्षा विभाग के कार्यप्रणाली और समाज में बढ़ती नकारात्मक प्रवृत्तियों पर गहरी चिंता व्यक्त की।
जिलाध्यक्ष सुशील कुमार ने कहा कि गढ़वा जिले में शिक्षकों के साथ गाली-गलौज, अमर्यादित व्यवहार और मारपीट की घटनाएं लगातार हो रही हैं।
उन्होंने कहा कि इस बार भी शिक्षिका कुमारी पूनम भारती ने अपनी सुरक्षा के लिए स्वयं प्रशासनिक मदद ली, जो दर्शाता है कि शिक्षकों की सुरक्षा को लेकर विभाग उदासीन बना हुआ है। खासकर अनुसूचित जाति के शिक्षकों के साथ इस तरह की घटनाएं बार-बार हो रही हैं, जो गंभीर चिंता का विषय है।
शिक्षकों की सुरक्षा पर उठाए गंभीर सवाल
सुशील कुमार ने कहा कि शिक्षकों को स्कूलों में शैक्षणिक माहौल बनाने की जिम्मेदारी दी जाती है, लेकिन जब वे अनुशासन कायम रखने का प्रयास करते हैं तो असामाजिक तत्व उन पर हमला कर देते हैं।
उन्होंने शिक्षा विभाग और प्रशासन से मांग की कि शिक्षकों, विशेषकर महिला शिक्षिकाओं को समुचित सुरक्षा दी जाए। दूरस्थ इलाकों में पदस्थापित शिक्षिकाओं को गृह प्रखंड के मुख्यालय में स्थित विद्यालयों में नियुक्त किया जाए ताकि वे बिना किसी मानसिक दबाव के अपने दायित्वों का निर्वहन कर सकें।
आंदोलन की चेतावनी
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि शिक्षकों की सुरक्षा को लेकर ठोस कदम नहीं उठाए गए तो झारोटेफ के बैनर तले आंदोलन किया जाएगा और इसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।