गढ़वा : झारखंड राज्य गठन के दशकों बाद भी संस्कृत भाषा को उचित दर्जा नहीं मिल पाया है। विद्यालयों में संस्कृत की परीक्षा तो होती है, लेकिन शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की जा रही है। इसे लेकर संस्कृत भाषा संरक्षण समिति की बैठक आज स्थानीय मेलोडी मंडप, गढ़वा में आयोजित की गई, जिसमें समिति ने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए।
संस्कृत भाषा संवर्धन हेतु उठाए जाएंगे कदम
बैठक में सर्वसम्मति से तीन मुख्य निर्णय लिए गए—
1️⃣ हस्ताक्षर अभियान: संस्कृत भाषा संवर्धन के लिए समिति जनजागरूकता अभियान चलाएगी और लोगों को इसके महत्व की जानकारी देगी।
2️⃣ विधायक को अवगत कराना: समिति स्थानीय विधायक से मिलकर आग्रह करेगी कि इस विषय को विधानसभा में उठाया जाए।
3️⃣ राज्यपाल को आग्रह पत्र सौंपना: उपायुक्त, गढ़वा के माध्यम से राज्यपाल, झारखंड को ज्ञापन सौंपा जाएगा, जिसमें संस्कृत भाषा को उचित दर्जा देने की मांग होगी।
नगरवासियों से सहयोग की अपील
संस्कृत भाषा संरक्षण समिति, गढ़वा ने सभी सम्मानित नागरिकों से इस अभियान में सहयोग करने की अपील की है, ताकि संस्कृत भाषा को झारखंड राज्य में उचित दर्जा दिलाया जा सके।
बैठक की अध्यक्षता समिति अध्यक्ष ने की और इसमें विभिन्न गणमान्य नागरिकों ने भाग लिया।