गढ़वा : स्थानीय जीएन कॉन्वेंट टेन प्लस टू स्कूल में गुरु गोविंद सिंह के साहबजादों जोरावर सिंह और फतेह सिंह की अमर शहादत को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए वीर बाल दिवस मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यालय के निदेशक सह शिक्षाविद मदन केशरी और उपप्राचार्य बसंत ठाकुर ने दीप प्रज्वलित कर और साहबजादों के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर किया।
निदेशक का संबोधन
अपने संबोधन में निदेशक मदन केशरी ने कहा, "जोरावर सिंह और फतेह सिंह की शहादत देश और धर्म की रक्षा का अनुपम उदाहरण है। इतनी छोटी आयु में उन्होंने जो बलिदान दिया, वह भारतीय इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा गया है।
उपप्राचार्य की प्रेरणा
उपप्राचार्य बसंत ठाकुर ने कहा, "हमें साहबजादों के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए। उनके त्याग और बलिदान से हमें राष्ट्र प्रेम और धर्म रक्षा के प्रति समर्पण का पाठ मिलता है। अभिभावकों को अपने बच्चों में देशभक्ति और सेवा की भावना को प्रोत्साहित करना चाहिए।"
साहबजादों का बलिदान
जोरावर सिंह और फतेह सिंह, जिनकी आयु क्रमशः नौ और सात वर्ष थी, ने मुगल शासकों के समक्ष झुकने के बजाय अपने प्राणों की आहुति दी। उन्हें जिंदा दीवार में चुनवा दिया गया, लेकिन उनका बलिदान मुगल शासन के पतन का कारण बना।
= कार्यक्रम में उपस्थित विद्यार्थी
आयोजन में शिक्षकों का योगदान
कार्यक्रम को सफल बनाने में शिक्षकों जैसे वीरेंद्र साह, विकास कुमार, खुर्शीद आलम, मुकेश भारती, कृष्ण कुमार, नीरा शर्मा, रागिनी कुमारी, शिवानी गुप्ता, ज्योति तिवारी, पूजा प्रकाश और संतोष प्रसाद की भूमिका सराहनीय रही।
विद्यालय ने साहबजादों की शहादत को याद करते हुए सभी को प्रेरणा लेने का संदेश दिया और बलिदान, समर्पण, और त्याग की भारतीय परंपरा को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया।