गढ़वा : गढ़वा में जिला प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे तेज अतिक्रमण अभियान को लेकर सौतेले व्यवहार का आरोप लगाया जा रहा है। आरोप है कि प्रशासन वर्षों से स्थाई अतिक्रमण करने वालों को छोड़कर फुटपाथ पर दुकान लगाकर जीविका चला रहे गरीब दुकानदारों पर ही कार्रवाई कर रहा है।
गरीब दुकानदारों पर प्रशासन का डंडा
फुटपाथ पर दुकान लगाकर परिवार का भरण-पोषण कर रहे दुकानदारों को बार-बार पुलिस के भय से उजाड़ा जाता है, लेकिन उनके पुनर्वास के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता। नगर परिषद द्वारा चिन्हित कार्डधारी दुकानदारों के आवेदन लेने के बाद भी दुकान आवंटन में अनियमितताएं देखने को मिल रही हैं।
स्थाई अतिक्रमण पर कार्रवाई का अभाव
दुकानदारों का कहना है कि दानरो नदी स्टैंड पर हर साल अतिक्रमण के नाम पर उन्हें उजाड़ दिया जाता है, जबकि सरस्वती और तिलैया नदियों के किनारे पक्के मकानों और क्लबों द्वारा किए गए स्थाई अतिक्रमण पर कोई कार्रवाई नहीं होती। यहां तक कि नगर परिषद द्वारा बनाए गए कई शौचालयों पर ताले जड़े हैं, लेकिन उन पर कोई कदम नहीं उठाया जाता।
दुकानदारों की मांग
दानरो नदी स्टैंड के आसपास की खाली जमीन पर गरीब कार्डधारी दुकानदारों के लिए निष्पक्ष तरीके से दुकान आवंटन की मांग कई वर्षों से की जा रही है। दुकानदारों ने प्रशासन से अपील की है कि उनके पुनर्वास के लिए उचित व्यवस्था की जाए, ताकि उनका जीविकोपार्जन बाधित न हो।
आंदोलन की चेतावनी
टाउन वेंडिंग कमेटी के सदस्य और झारखंड आंदोलनकारी विजय ठाकुर ने प्रशासन को चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही उजाड़े गए दुकानदारों को उचित स्थान मुहैया नहीं कराया गया, तो वे आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। उन्होंने कहा कि गरीबों की अनदेखी और उनकी रोजी-रोटी छीनने का जवाब प्रशासन को देना होगा।
दुकानदारों ने प्रशासन से अपील की है कि वे स्थाई अतिक्रमणकारियों के खिलाफ कार्रवाई करें और गरीब दुकानदारों के लिए निष्पक्ष नीति अपनाएं।