गढ़वा : गढ़वा नगर परिषद की पूर्व अध्यक्ष पिंकी केसरी की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। झारखंड उच्च न्यायालय ने लगभग 9 साल पुराने वित्तीय अनियमितता के एक मामले में उनकी अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। न्यायालय ने उन्हें तीन सप्ताह के भीतर गढ़वा के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया है। इससे पहले गढ़वा जिला एवं सत्र न्यायालय ने भी उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। गढ़वा न्यायालय से निराशा मिलने के बाद पिंकी केसरी ने झारखंड उच्च न्यायालय में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की थी। एबीएन नंबर 5626/2024 के तहत इस मामले की सुनवाई न्यायिक दंडाधिकारी राजेश शंकर की अदालत में हुई, जहां उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई।
यह मामला 2015 में गढ़वा नगर परिषद के विकास कार्यों में कथित वित्तीय अनियमितताओं से जुड़ा है। इसमें टाउन हॉल, बस स्टैंड के जिर्णोद्धार, डस्टबिन और एलईडी लाइट की खरीद में गड़बड़ी के आरोप शामिल हैं। उस समय नगर परिषद के उपाध्यक्ष अनिल कुमार पांडे ने इन गड़बड़ियों के खिलाफ आंदोलन किया था, जिसके बाद जांच समिति का गठन किया गया। जांच रिपोर्ट में तत्कालीन नगर परिषद अध्यक्ष पिंकी केसरी, उनके पति संतोष केसरी, कार्यपालक पदाधिकारी, और कार्यपालक अभियंता सहित अन्य को इन गड़बड़ियों के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था।
अब, उच्च न्यायालय द्वारा अग्रिम जमानत याचिका खारिज किए जाने के बाद पिंकी केसरी को जेल जाना पड़ सकता है। करीब 9 साल पुराने इस मामले ने गढ़वा नगर परिषद में कथित वित्तीय अनियमितताओं को एक बार फिर चर्चा में ला दिया है।