बंशीधर नगर : श्री श्री ठाकुर अनुकुलचंद्र जी के अनुयायियों द्वारा जंगीपुर ग्राम स्थित सत्संग उपासना केंद्र उर्जितपा के प्रांगण में साप्ताहिक सत्संग का आयोजन किया गया .
कार्यक्रम का शुभारंभ शंख ध्वनि, बंदे पुरुषोत्तम ध्वनि के साथ दीप प्रज्वलित कर किया गया. इसके बाद संध्याकालीन विनती प्रार्थना, सत्यानु शरण पाठ, नारी नीति पाठ, शाश्वती ग्रंथ का पाठ व सामूहिक रूप से नाम जप किया गया .सत्संग में माला देवी, सतवंती देवी, अखिलेश प्रसाद द्वारा भक्तिमूलक भजन प्रस्तुत किया गया.इष्ट चर्चा करते हुये ऋत्विक विजय नंदन सिन्हा ने कहा कि सभी नदियां सागर में मिल जाती हैं, उसी प्रकार सभी जीव को ईश्वर के पास समर्पित हो जाना है, इसलिए ईश्वर के द्वारा दिए गये आदेश का पालन करना ही सबसे बड़ी भक्ति है. उन्होंने कहा कि आगामी 5 नवंबर को श्री श्री ठाकुर जी का 136 वां जन्म महोत्सव को सफल करने के लिए सभी सत्संगी वृन्द तन मन धन के साथ लग जाएं. अपने गुरु का उत्सव मनाना एक बहुत बड़ा कर्तव्य है .अपने गुरु के प्रति तन मन धन लगाने से गुरु की कृपा प्राप्त होती है तथा दुर्गति का नाश होता है .उन्होंने आगामी 15 अक्टूबर को होने वाली मासिक सत्संग तथा भंडारा में उपस्थित होने का अनुरोध किया. सत्संगी अजय दा में कहा कि प्रत्येक जीव ईश्वर का संतान है. सभी जीवो में मानव एक विशेष प्राणी है. इसलियें मनुष्य को पृथ्वी पर अच्छे कार्य करने के लिए भेजते हैं. यदि मनुष्य ईश्वर के बताएं कार्य को करता है तो वह अपना जीवन सार्थक कर लेता है. याजक राजकुमार ने कहा कि अपने गुरु के प्रति मनुष्य को हमेशा सेवा भाव रखना चाहिये. गुरु के आदेश का पालन भी सबसे बड़ी सेवा है. सत्संग में संजय दा, धृति सुंदरलाल, शिवम, राहुल कुमार ,राकेश ,सुजय, विजय, धृतिदीप्त, श्रीकांत ,चंचला गुप्ता ,वृंदा देवी, निर्मला जायसवाल, गीता देवी, दीपमाला, मधुबाला, प्रभादेवी, रामादेवी, अनीता सिंह सहित बड़ी संख्या में सत्संगी उपस्थित थे.