भवनाथपुर : टाउनशिप सेल के डीएवी स्कूल में कार्यरत कर्मचारी बैजनाथ महतो जो पिउन के साथ चालक पद पर कार्यरत था, आज एक वर्ष से डीएवी प्रबन्धन व सेल के बीच रसाकस्सी में दाने-दाने का मोहताज हो गया है।
सेल के आवासीय परिसर में मिले आवास को भी खाली करने के आदेश के बाद उसने थक हारकर मंगलवार को भवनाथपुर थाने पहुंच कर लिखित शिकायत करते हुए मदद के लिए गुहार लगाया है।
बताते चलें कि बीते 16 वर्षो से कर्मी बैजनाथ महतो विद्यालय में कार्यरत था और सब कुछ सामान्य था परन्तु बीते वर्ष 19 के अगस्त माह में वह लकवा की बीमारी से ग्रसित हो गया जिससे उसका पूरा शरीर कार्य करना बंद कर दिया। बहुत इलाज के बावजूद कोई ज्यादा सुधार नही हो पाया।
इस बीच बैजनाथ ने डीएवी प्रबन्धन से अपने बीमारी के इलाज का सहयोग मांगा परन्तु कुछ कर्मी ही चंदा कर इलाज में सहयोग किये। बैजनाथ ने स्कूल प्रबंधन से लिखित तौर पर अपने बदले में अपने युवा पुत्रों मनोज महतो 24 वर्ष व सनोज महतो 22 वर्ष में से किसी एक को जीविकोपार्जन हेतु स्कूल प्रबंधन व सेल से कार्य पर रखने की मांग किया।
परन्तु सेल व स्कूल प्रबन्ध के पास चक्कर लगाते बैजनाथ को एक वर्ष बीत गए। ना तो डीएवी प्रबन्धन ने कुछ सहयोग व जबाब दिया ना ही सेल प्रबन्धन ने अपनी दरिया दिली दिखाई जिसके कारण आज बैजनाथ के परिवार भुखमरी के कगार पर है। वहीं डीएवी के द्वारा मिले आवास को खाली करने के आदेश के बाद उसका अशियाना भी छिनने का भय सत्ता रहा है।
बैजनाथ ने रो रोकर कहा कि आज 19 वर्षो तक विद्यालय के स्थापना काल से दिन रात एक कर इस मुकाम तक डीएवी में पूर्ण ईमानदारी से मेहनत करने का नतीजा हमे भुखमरी के रुप मे मिला। इससे अच्छा है कि मैं आत्महत्या कर लूं। परिवार की दुर्दशा हमे सहन नही हो पा रही है उपर से मैं परिवार के लिए बोझ साबित हो रहा हूँ।