गढ़वा : जिले के संवेदकों ने राज्य में 25 करोड़ रुपये तक कि निविदा में जाति के आधार पर प्राथमिकता देने जैसी सरकार के प्रस्ताव की कड़ी निंदा की है। साथ ही सरकार के इस प्रस्ताव को वापस लेने की मांग किया है। वहीं प्रस्ताव वापस नहीं लिए जाने पर और सरकार से न्याय नहीं मिलने पर कोर्ट में जाने की चेतावनी दिया है । साथ ही सरकार के इस प्रस्ताव के विरोध में पूरे राज्य में आंदोलन करने और सभी विभागों के निर्माण कार्य को ठप करने की भी चेतावनी दिया है।
इस संबंध में संवेदक सह संघ के अध्यक्ष अमृत शुक्ला के गढ़वा स्थित आवास पर ज़िले के संवेदकों की बैठक हुई। जिसमें सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया है। वहीं आंदोलन की रूप रेखा तैयार किया गया है।
बैठक के बाद पत्रकारों को जानकारी देते हुए अध्यक्ष अमृत शुक्ला ने कहा कि देश के किसी राज्य में इस तरह की प्रस्ताव या कानून लागू नहीं किया गया है। झारखंड सरकार को भी विचार करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी संवेदकों ने सर्वसम्मति से मुख्यमंत्री को आवेदन देने का निर्णय लिया है। साथ ही सभी विभागों के आलाधिकारियों को भी ज्ञापन सौंपने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि हम सभी की आवाज़ सिर्फ ज़िले में ही नहीं गूंजेगा, बल्कि पूरे राज्य में गूंजेगा। ज़िले से जो विरोध की चिंगारी निकली है, यह राज्य में आग की तरह फैलेगा । हमलोग चुप बैठने वालों में से नहीं है। एक - एक संवेदक से लाखों परिवार की रोजी रोटी जुड़ी हुई है। ऐसे में सरकार का इस तरह का प्रस्ताव कहीं से भी उचित नहीं है।
जबकि निविदा कई तकनीकी बातों का ख्याल पूर्व से ही रखने का प्रावधान है ।
पत्रकार वार्ता में संघ के उपाध्यक्ष मिथिलेश कुमार तिवारी के अलावे प्रमोद सिंह, राजेश कुमार सिंह, युगल किशोर चौबे, परमानंद पांडेय, मिथिलेश कुमार देव, नवीन पाठक, शशिकांत दुबे, प्रदीप कुमार पांडेय, आर के तिवारी, अजित कुमार पांडेय, विभूति नारायण दुबे, ओमकरन तिवारी , सुशील पांडेय आदि उपस्थित थे।