गढ़वा : कोरोना पर नियंत्रण के मामले में गढ़वा जिला प्रशासन हथियार डाल चुका है। नतीजा है कि कोरोना संक्रमित मरीज राम भरोसे खुद तो हैं ही, पॉजिटिव पाए जाने की 18-18 घंटे बाद तक जानकारी के अभाव में संक्रमण का फैलाव करने को विवश है। कोरोना को लेकर भले ही आज पूरा विश्व चिंतित है, मगर गढ़वा के प्रशासनिक महकमा को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता वरना ऐसी स्थिति, जो आज देखने को मिली नहीं मिलता।
वाक्या गढ़वा सदर प्रखंड के करके गांव का है। कल जो 30 कोरोना पॉजिटिव जिले में पाए गए हैं। उसी में से एक मरीज करके गांव का रहने वाला है जो नगर परिषद गढ़वा में काम करता है। आम दिनों की तरह वह करोना मरीज आज भी नगर परिषद कार्यालय पहुंचा उसे पता ही नहीं था कि वह पॉजिटिव है।
इसलिए वह दोपहर 12:00 बजे तक आम दिनों की तरह सभी कर्मियों के बीच नगर परिषद कार्यालय में अपना काम निपटा रहा था। तब तक उसे स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोविड-19 अस्पताल में भर्ती कराने की बात तो दूर सूचना तक नहीं दी गई थी कि वह कोरोना संक्रमित हो चुका है। लिहाजा बिल्कुल अनजान था।
बाद में उसके चाचा ने उसे मोबाइल पर सूचना 12:00 बजे दोपहर के करीब दी की तुम कोरोना पॉजिटिव हो तत्काल नगर परिषद कार्यालय से बाहर निकलो। वहां से वह संक्रमित लड़का गढ़वा शहर के अशोक विहार स्थित अपने आवास, नगर परिषद कार्यालय से निकलकर चल दिया उसे घर से बाहर ही घर वालों ने इस कड़कड़ाती धूप में छरी के ढेर पर बैठा दिया तथा सिविल सर्जन डॉक्टर एनके रजक को सूचना दिया तो पहले तो उन्होंने यह कहते हुए झूठी दलील दी की एंबुलेंस उसके घर लेने गया है।
मगर बाद में जब उन्हें हकीकत बताया गया कि वह लड़का यहां अशोक विहार में आपके निजी आवास से महज 300 मीटर दूरी पर बैठा हुआ है तब उन्होंने कहा कि उसे अस्पताल भेज दें। फिर परिवार के लोगों ने उसे अशोक विहार जोबरइया स्थित मकान के पास से ले कर खुद अस्पताल गए। यह सारा प्रोसेस करते तक दोपहर करीब 2:30 बज चुके थे।
आकलन लगाया जा सकता है कि 8:00 बजे रात में कोरोना का पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बावजूद स्वास्थ विभाग दोपहर 12:00 बजे तक नए संक्रमित को सूचना भी नहीं दे पा रहा है तथा सूचना मिलने के 2 घंटे बाद गढ़वा शहर से भी उसे कोविड-19 अस्पताल में भर्ती नहीं करा पा रहा है, तो सुदूरवर्ती इलाके के मरीज को कैसे सूचना देगा व कोविड-19 अस्पताल में भर्ती करा पाएगा? इसका आकलन लगाया जा सकता है।
खबर है कि स्वास्थ्य विभाग पॉजिटिव मरीज को लेने के मामले में एक दूसरे पर जिम्मेवारी डालकर कोविड-19 अस्पताल में मरीज को लाने में लापरवाही बरत रहा है, स्वास्थ्य विभाग दंडाधिकारी पर तो दंडाधिकारी प्रोटेक्शन पुलिस के अनुपलब्धता का बहाना बनाकर एक दूसरे पर दोषारोपण करने में काफी समय गुजार दे रहे हैं, जिससे कोविड-19 अस्पताल में संक्रमितों को भर्ती कराने में अनावश्यक रूप से विलंब हो रहा है।