गढ़वा : 16 जनवरी 2025 (गुरुवार): बाल श्रम उन्मूलन को लेकर गुरुवार को श्रम अधीक्षक की अध्यक्षता में धावा दल ने इंडस्ट्रियल एरिया बेलचम्पा स्थित विभिन्न दुकानों और प्रतिष्ठानों का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान मि-पियोर पानी फैक्टरी में 4 बाल श्रमिक कार्यरत पाए गए।
धावा दल ने इन सभी बाल श्रमिकों को मुक्त कराकर बाल कल्याण समिति, गढ़वा के समक्ष प्रस्तुत किया। श्रम अधीक्षक श्री संजय आनन्द ने सभी प्रतिष्ठान मालिकों को सख्त निर्देश दिया कि बाल श्रम कराना एक गंभीर अपराध है। उन्होंने चेतावनी दी कि बाल श्रमिक पाए जाने पर नियोजकों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
श्रम अधीक्षक ने बताया कि बाल श्रम कराने पर नियोजकों को 6 माह से 2 वर्ष तक की सजा और ₹20,000 से ₹50,000 तक का जुर्माना अथवा दोनों दंड दिए जाने का प्रावधान है।
इस अभियान में श्री संजय आनन्द (श्रम अधीक्षक), श्री प्रणव कुमार (अध्यक्ष, CWC), श्री संजय ठाकुर (संरक्षण अधिकारी, DCPU), श्री राजीव कुमार रवि (जिला समन्वयक, CHL), श्री गणेश कुमार (जिला समन्वयक, लोहरदगा ग्राम स्वराज्य संस्थान), और गढ़वा थाना से पुलिस बल के अधिकारी मौजूद थे।
जिले में बाल श्रम रोकथाम के लिए प्रशासन ने अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए यह स्पष्ट किया है कि किसी भी स्तर पर बाल श्रम बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।