मझिआंव : कौन कहता है कि महिलाएं लाचार और विवश होने पर जिंदगी की दांव की बाजी हार जाती हैं, ऐसा बिल्कुल ही नहीं है बल्कि भारतीय मर्यादा में रहकर पूरी हिम्मत के साथ महिलाएं अशिक्षित होकर भी अपनी जिम्मेवारी की निर्वाहन बगैर पति के सहयोग का भी कर सकती हैं। इसका मिसाल मझिआंव प्रखंड की तलसबरिया गांव की प्रतिमा देवी है।
प्रतिमा देवी की पती विजय पासवान पिछले कई वर्षों से अपनी पत्नी प्रतिमा को उसके चार बेटियों के साथ उसी के हाल छोड़कर लापता है। पति को छोड़कर चले जाने से बेसहारा हुई प्रतिमा अपने नैहर तलसबरिया, पिता बिरजू पासवान के यहां रह कर मजदूरी कर ही सही परंतु अपनी पांचों बेटियों को भरण पोषण करती है। बल्कि उसने उनकी शादी विवाह का बोझ भी अपने कंधों पर ही उठा लिया है।
इसकी इस विवशता पर पति की ही तरह प्रशासन ने भी कभी ध्यान नहीं दिया, लिहाजा आज तक इस लाचार महिला का राशन कार्ड भी नहीं बन सका। कई मर्तबा परिवारिक राशन कार्ड बनवाने के लिए उसने प्रखंड का चक्कर लगाए लेकिन किसी ने इनके दर्द को नहीं सुना। बावजूद प्रतिमा ने हिम्मत नहीं आ रहा उन पांचों बेटियों का भरण पोषण करने के साथ उसने शादी विवाह का भी पोस्ट अपने कंधों पर उठाते हुए आगामी 24 जून दिन बुधवार की शाम बेटी विवाह करने वाली है।
हालांकि इस विवाह में उसे कुछ लोग मदद का भी हाथ आगे बढ़ा रहे हैं। क्षेत्रीय युवा समाजसेवी सह जेएमएम के युवा नेता सैईयद अंसारी ने एक टीना सरसों का तेल का सहयोग उसे किया।