बिशुनपुरा : आधुनिक समय में बिजली लोगों के दैनिक जीवन की हिस्सा बन चुकी है। इसकी महत्ता को समझते हुए सरकार 24 घंटे बिजली आपूर्ति करने का दावा कर रही है। लेकिन धरातल पर फलाफल शून्य है।
प्रखंड के चितरी गांव में जर्जर तार एवं हाई-लो वोल्टेज के बीच की जा रही बिजली आपूर्ति मौत को आमंत्रण दे रही है। जर्जर हाई टेंसन तार एवम पोल से ब्रेक डाउन, शटडाउन, इंसुलेटर की खराबी, डिश पंक्चर, हाई-लो वोल्टेज जैसी विद्युत विभाग की लाईलाज बीमारी के बीच अनियमित आपूर्ति एवं एकमुश्त मोटी बिल की वसूली के फरमान से उपभोक्ता इन दिनों काफी परेशान हैं।
ग्रामीण मनोज यादव, सोनू सिंह, हीरामणि यादव, अमरनाथ यादव, लालबहादुर सिंह, रामदास यादव, सुनील यादव, मुरारी रजवार, रामलाल रजवार, बिनोद यादव, भोला पासवान, उदेश्वर यादव, जितेंद्र यादव सहित दर्जनों लोगों ने बताया कि 11 हजार हाईटेंशन हाईटेंशन जर्जर झूलता तार जानलेवा बन सकता है।
बताया कि एक ओर जहां पंडित दीनदयाल उपाध्याय योजना से चितरी गांव में विद्युतीकरण कार्य होने के बाद भी 25 केबीए ट्रांसफार्मर को चालू नही कराया गया है, तो दूसरी ओर सबस्टेशन से लेकर चितरी गांव तक 30 वर्ष पुराने झूलते हाईटेंशन तार से आए दिन हादसा होना दिनचर्या सी बन गई है। 11 हजार केवीए का हाईटेंशन व एलटी तार दशकों से जर्जर स्थिति में है। बताया कि पावर हाउस से टंडवा, कोइन्दी, आजाद नगर होते हुए चितरी गांव में वर्षों बिछाए गए बिजली के पोल तार जर्जर रहने के कारण हल्की हवा के झोंके में तार टूट कर गिरने से आए दिन लोग हादसे का शिकार हो रहे हैं।
इसके बावजूद विभाग उक्त जर्जर पोल तार को बदला मुनासिब नहीं समझता। झूल रहे तारों से विभाग बेफिक्र टंडवा से लेकर ग्रामीण इलाके के चितरी गांव में इस कदर लटका जर्जर तार है कि कभी भी बड़ी घटना हो सकती है।
चितरी गांव में पोल तार नहीं रहने से बांस और बल्ले के सहारे विद्युत आपूर्ति कराई जा रही है।