बड़गड़ : भंडरिया थाना क्षेत्र के बरकोल कला गांव में गढ़ बरकोल स्थित जमीन को लेकर दो समुदायों के बीच तनाव का माहौल उत्पन्न हो गया। गांव में तनावपूर्ण माहौल की सूचना मिलते ही भंडरिया थाना पुलिस, इंस्पेक्टर सह थाना प्रभारी चंदन कुमार सिंह के नेतृत्व में सदलबल पहुंचकर स्थिती को नियंत्रण में लेकर बड़ी घटना होने से बचा लिया। घटना की सूचना पर भंडरिया अंचल के राजस्व उप निरीक्षक पवन कुमार सिंह भी मौजूद थे।
घटना का विवरण :
उत्पन्न विवाद का कारण गढ़ बरकोल की भूमि पर सावन मास की पहली सोमवारी पर धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन था। गांव के हिंदू समुदाय के लोगों ने पूजा स्थल के रूप में राजा-रानी का स्मारक निर्माण दो दिन पूर्व किया था।
सोमवार की सुबह करीब 9:30 बजे विशेष समुदाय के लगभग डेढ़ सौ महिलाओं एवं पुरुषों ने साबल, गैता और कुदाल से स्मारक को ध्वस्त कर दिया।
तनाव की स्थिति :

इस घटना के समय गांव के हिंदू समुदाय के लोग सावन की पहली सोमवारी पर जल यात्रा के लिए निकले हुए थे। स्मारक तोड़े जाने की सूचना पर सभी लोग विवादित स्थल की ओर दौड़ पड़े। लेकिन कुछ बुद्धिजीवियों के समझाने पर हिंदू समुदाय के लोगों ने प्रशासन को सूचना देकर बड़ी घटना होने से बचा लिया। हिंदू समुदाय के लोगों का कहना है कि स्मारक तोड़े जाने की घटना संप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की साजिश थी। स्थिति तनावपूर्ण हो चुकी थी, लेकिन पुलिस के तत्परता के कारण मामला शांत हुआ।
प्रशासन की कार्रवाई :

प्रशासन द्वारा दोनों पक्षों को निर्देश दिया गया कि उक्त भूमि गैर मजरूआ है और प्रशासन की अनुमति के बिना ना विशेष समुदाय के लोग वहां खेती करेंगे और ना ही हिंदू समुदाय के लोग वहां कोई निर्माण कार्य करेंगे।
विवाद का कारण:
जानकारी के अनुसार, विवादित भूमि पर विशेष समुदाय के व्यक्ति द्वारा खेती किए जाने पर दूसरे समुदाय को आपत्ति है। दूसरे समुदाय का कहना है कि उक्त भूमि पर वर्षों पहले राजा का गढ़ था, जो उनकी धरोहर और आस्था से जुड़ा है। कई दशकों से उनके पूर्वज रानी सती की पूजा करते आ रहे हैं। वहीं, विशेष समुदाय के व्यक्ति का दावा है कि वह कई वर्षों से वहां खेती कर रहा है। सरकारी दस्तावेज में उक्त भूमि खाता नंबर 84 में गैर मजरूआ दर्ज है। ऑनलाइन रिकॉर्ड में दूसरे पक्ष ने उक्त भूमि रंका गढ़ परिवार की रानी राजमाता गुंजेश्वरी देवी के नाम पर होने का दावा किया है।