गढ़वा : कोरोना महामारी के इस दौर मैं आम लोगों तक खाद्यान्न पहुंचाने का केंद्र से लेकर राज्य सरकार खूब ढिंढोरा पीट रही है। मगर हकीकत यह है कि अभी भी कई ऐसे परिवार हैं जिन्हें राशन कार्ड तक उपलब्ध नहीं है। ऐसा ही मामला गढ़वा जिले के सदर प्रखंड गढ़वा के मरहटिया पंचायत के भुइया टोली का है।
कोरोना महामारी के इस दौर में पूरा देश सहित झारखंड राज्य भी संक्रमण के चपेट में है। जबकि गढ़वा जिले के दुबे मरहटिया पंचायत एक भुइया टोली में करीब 200 घर आदिम जनजाति का है, लेकिन वहां प्रशासन की उदासीन रवैया से किसी का भी आज तक राशन कार्ड नहीं बना है।
आज जब हमारे चैनल के प्रतिनिधि ने वहां जानकारी प्राप्त करनी चाही, तो पता चला कि दुबे मरहटिया पंचायत के पहाड़ टोला करीब 200 घर भुइयां जाति आदिवासी परिवार रहते हैं, लेकिन उनका आज तक राशन कार्ड नहीं बना है।
अगर किसी का बना भी है तो मात्र एक आदमी का बना है, जिसमें की मात्र उन्हें 5 किलो चावल मिलता है।
जबकि मौके पर ग्रामीणों ने कहा कि 2 से 3 साल पहले भी ऑनलाइन करा कर के सरकारी ऑफिस का चक्कर काट रहे हैं लेकिन हम लोग का राशन कार्ड नहीं बन रहा है।
इस मौके पर वहां के वार्ड पार्षद रामसेख भुइयां ने कहा कि यहां कई लोगों का सिंगल कार्ड रहने से काफी परेशानी है जो कि उनके परिवार में कई परिवार के सदस्य हैं, लेकिन उनका नाम नहीं जुड़ रहा है और किसी को राशन नहीं मिलता है। वे लोग इस कोरोना महामारी में कहीं काम करने भी नहीं जा पा रहे हैं। किसी तरह गांव घर में ही मजदूरी कर अपना पेट पाल रहे हैं।
जबकि पंचायत के पंचायत समिति सदस्य प्रतिनिधि अनोज तिवारी ने कहा कि कई मर्तबा वे अपने निजी खर्च पर ग्रामीणों को गढ़वा प्रखंड कार्यालय, अनुमंडल कार्यालय साथ ही उपायुक्त कार्यालय भी लेकर के गए हैं लेकिन उन ग्रामीणों का सुनने वाला कोई नहीं है।
जब इस संबंध में पंचायत के मुखिया सफेदा बीवी ने कहा कि वे अपनी तरफ से ग्रामीणों का राशन कार्ड बनवाने के लिए पूरा प्रयास किए हैं, लेकिन प्रशासनिक उदासीन रवैए के कारण अभी तक ग्रामीणों का राशन कार्ड नहीं बना है। उन्होंने गढ़वा जिला प्रशासन से अनुरोध है किया की इस टोले में जो आदिम जनजाति बहुल टोला है। यहां कैंप लगाकर राशन कार्ड बनवाने का काम किया जाए।