सगमा :
जिला प्रशासन के पहल पर मौत के 9 दिन बाद कर्नाटक में मृत मजदूर का शव सगमा पहुँचते ही गांव में कोहराम मच गया है ।
विदित हो कि बीते 20 दिसम्बर को सगमा प्रखण्ड के सोनडीहा गांव निवासी अखिलेश राम नामक मजदूर की मृत्यु कर्नाटक राज्य के अंकोला में हुआ था ।
इसे लेकर मृत मजदूर के पिता प्रेमा राम ने उपायुक्त से अखबार के माध्यम से शव मांगने की गुहार लगाया था ।
इसे देखते हुए गढ़वा के उपायुक्त रमेश घोलप ने उप विकास आयुक्त राजेश रॉय को नोडल नियुक्त करते हुए सव मांगने की जिम्मेवारी दिया था । इसके बाद जिला प्रशासन के प्रयास से मृत्यु के 9 दिन बाद मृतक सोनडीहा पहुँच सका ।
सव आने की खबर सुनते ही सगमा बीडीओ सत्यम कुमार अपने दल बल के साथ मृतक के घर पहुँचकर मृतक परिवार को ढाँढस बांधते हुए अपनी तरफ से तत्काल पाँच हजार रुपए नगद 50 किलो चावल 50 किलो गेंहू कम्बल मच्छरदानी प्रदान करते हुए कहा कि सरकार द्वारा मिलने वाला हर सम्भव सहायता मृतक के आश्रित को दिया जाएगा ।
जबकि मृतक के घर सांत्वना देने पहुँचे विधायक प्रतिनिधि बबलू ठाकुर राजेश बैठा भाजपा के मण्डल अध्यक्ष दिलीप यादव ने विधायक भानु प्रताप साही की ओर से सहायता देने का अस्वासन दिया ।
इस अवसर पर सोनडीहा मुखिया पति हनुमन्त यादव दसरथ बैठा धनंजय यादव संजय यादव बिनोद राम कैलास राम पूर्व जीप सदस्य नन्दगोपाल यादव प्रमुख अजय साह सहित दर्जनो लोग उपस्थित थे ।

जबकि एक अन्य खबर के अनुसार
एन एच 75 फोरलेन सह चौड़ीकरण में अधिगृहित भूमि का मुआवजा रजिस्ट्री रेट से भी बहुत कम रेट देने से नाराज भूमिधारको ने बैठक आयोजित कर इसके खिलाफ बिगुल फुकते हुए उपायुक्त के साथ भूअर्जन पदाधिकारी को आवेदन समर्पित करने का निर्णय लिया है ।
इसे लेकर राजेश जयसवाल की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में बिलासपुर व गंगटी गांव के भूमिधारक भारी संख्या में उपस्थित थे ।
बैठक में लिए गए निर्णय के आलोक में उपयुक्त व भूअर्जन पदाधिकारी के नाम लिखे आवेदन में कहा गया है कि सरकार के द्वरा रजिस्ट्री रेट को दरकिनार करते हुए औने पौने दाम पर जमीन को लूटना चाहती है । जबकि बिलासपुर गांव की जमीन रजिस्ट्री रेट 22 हजार तीन सौ पचास रुपए डिसमिल है जबकि भूमिअधिग्रहण का रेट 12 हजार 179 रुपए लगाया गया है । इसी प्रकार गंगटी गांव का वर्तमान रजिस्ट्री रेट 12 हजार 698 रुपए निर्धारित है मगर भूमिअधिग्रहण में 4 हजार 253 रुपए लगाया गया है ।
इसप्रकार हमलोगों का जमीन रजिस्ट्री रेट से भी बहुतकम लगाकर जमीन को लुटा जा रहा है इसे देखते हुए इस रेट पर हमलोग अपनी जमीन देने में असमर्थ हैं ।
उपरोक्त स्थिति को देखते हुए उपायुक्त महोदय से आग्रह है कि अपनी अध्यक्षता में टीम गठित कर इसकी जांच करते हुए दोनों गांव के भूमिधारको की उपस्थिति में इसपर पुनर्विचार करते हुए उचित मुआवजा दिलाने की कृपा की जाए अन्यथा हमलोग इसके खिलाफ आगे की कार्रवाई करने पर मजबूर होंगे ।
जिसकी जिम्मेवारी जिला प्रशासन की होगी ।