मेराल : गढ़वा जिले के मेराल प्रखंड के एक दर्जन से अधिक गांवों में रहने वाले ग्रामीणों का लाइफ लाइन तीन वर्षों से क्षतिग्रस्त यूरिया नदी का लखेया सिवाना के पास में स्थित हासनदाग का पुल व इस वर्ष बरसात के पानी से कभी भी बह सकता है। हालांकि स्कूल को बनवाने का आश्वासन स्थानीय लोगों को उपायुक्त से लेकर जनप्रतिनिधि तक दे चुके हैं ऐसे प्रतिनिधि व उपायुक्त बदल भी चुके हैं मगर इस पुल का तकदीर नहीं बदला।
उल्लेखनीय है कि पुल के क्षतिग्रस्त होने के पहले दौर में ही जिला प्रशासन के द्वारा नदी में डायवर्सन बनाया गया था लेकिन उसी वर्ष बरसात के पानी से बना हुआ डायवर्सन बह गई। इसके बाद दोबारा डायवर्शन नहीं बनाया गया। मेराल प्रखंड के मुख्यालय से हासनदाग, कजराठ, हडकुड़ी, देवगाना, करकोमा, दुनोखाड सहित गांव जुड़ा हुआ है पुल के बहने से लोगो को जरूरी साधन युक्त जैसे हॉस्पिटल थाना अंचल प्रखंड कार्यालय से संबंधित एवं जरूरी सामग्री के लिए लंबा सफर तय कर आने जाने के लिए बेबस हो जाएंगे।
वही शिक्षा ग्रहण के लिए छात्र-छात्राओं को मेराल मुख्यालय में 10 से 15 किलोमीटर घूम कर आना पड़ेगा जिससे बच्चों की शिक्षा ग्रहण से भटकने की नौबत होगी। वही बच्चों के अभिभावक एवं ग्रामीणों द्वारा आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि कई बार समाचार पत्र एवं टीवी चैनलों के माध्यम से क्षतिग्रस्त पुल के बारे में जिला प्रशासन से लेकर राजनीतिक पार्टियां को अवगत कराया गया साथ ही पूर्व के उपायुक्त महोदय हर्ष मंगला से इस क्षेत्र में भ्रमण के दौरान लिखित एवं मौखिक रूप से सैकड़ों ग्रामीण उपस्थित होकर क्षतिग्रस्त पुल के बारे में अवगत कराया गया और स्थानीय विधायक सह पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर को भी पंचायत प्रतिनिधि मुखिया दुखन चौधरी के द्वारा लिखित आवेदन देकर नव निर्माण हेतु मांग पत्र सौंपा गया।
उनके द्वारा आश्वासन दिया गया की पुल का नव निर्माण के लिए जिला प्रशासन को डीपीआर तैयार करने का आदेश दे दिया गया है बहुत जल्द पुल का निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। लेकिन सरकार के उदासीनता रवैया के कारण अभी तक पुल निर्माण का प्रक्रिया ठंडे बस्ते में पढ़ा हुआ है सरकार में रहे पक्ष विपक्ष दोनों पार्टियां लोक लोभावने मंच साझा कर क्षेत्र के लोगों से वादे करते रहे। लेकिन यह सब वादे जुमला बाजी बन कर रह गई। ग्रामीणों का कहना है कि अगर क्षतिग्रस्त पुल से किसी राहगीर का घटना होती है तो इसका जिम्मेवार राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन होगी।