गढ़वा : झारखंड मुक्ति मोर्चा के जिलाध्यक्ष तनवीर आलम ने मंत्री मिथिलेश ठाकुर के आवासीय कार्यालय पर जवाबी प्रेसवार्ता कर भाजपा पर हमला बोला है। जिला अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा जिलाध्यक्ष को झामुमो नेताओं पर अनर्गल आरोप लगाने से पहले खुद के गिरेबान में झांककर देखना चाहिए।
उनके विरुद्ध कई अपराधिक मामले भंडरिया थाना एवं वन विभाग में दर्ज है। जिनमें नशा के हालत में धुत होकर गाली-गलौज करने एवं सरकारी काम में बाधा डालने आदि बातों का उल्लेख है। पूर्व के रघुवर सरकार में निगरानी विभाग के द्वारा भाजपा जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश केसरी पर एक करोड़ की राशि नक्सली के नाम पर उगाही करने एवं इनकी गतिविधियों पर पैनी नजर रखने का आदेश दिया था।
इसकी खबर विभिन्न अखबारों के संस्करणों में प्रमुखता से छपा था। दूसरों को चरित्र प्रमाण पत्र बांटने वाले भाजपा जिलाध्यक्ष के खुद का चरित्र प्रमाण पत्र गढ़वा प्रशासन के द्वारा निर्गत नहीं किया जाता है। मजबूरी वश ठेकेदारी के लिए इन्हें अपनी पत्नी का सहारा लेना पड़ता है। मनसा कंस्ट्रक्शन पर वह संविदा में भाग लेते है जो उनके पत्नी के नाम पर निबंधित है तथा फर्म में वह पार्टनर भी है।
गढ़वा भाजपा में अपराधिक चरित्र के लोग भरे पड़े हैं विगत दिनों ही विशुनपुरा प्रखंड के मंडल अध्यक्ष के द्वारा एक सैनिक के पिता को लाठी-डंडों से पीटने का मामला प्रकाश में आया था। उक्त मामले में बिशनपुरा थाना अंतर्गत कांड संख्या 10/ 21 में मुकदमा दर्ज हैं।
भवनाथपुर के भाजपा विधायक पर आपराधिक मामले एवं CBI जांच चल रही है और विगत दिनों ईडी के द्वारा विधायक की संपत्ति को अटैच कर सरकारी सूचना बोर्ड लगाया गया है।
गढ़वा के पूर्व विधायक पर भी अलकतरा घोटाला का मामला न्यायालय में विचाराधीन है। अपराधी एवं भ्रष्टाचारियों से भरी पार्टी के नेतागण अब झामुमो के नेताओं पर बयान जारी कर अनर्गल, तथ्य विहीन तथा सच्चाई से कोसो दूर आरोप लगाकर भ्रम फैलाने का काम कर रहे हैं। उनका मकसद झामुमो नेताओं को बदनाम करना एवं पार्टी की छवि को धूमिल करना है। वह अपने इस मंसूबे में कभी सफल नहीं होंगे चूंकि गढ़वा की जनता जागरूक और समझदार है तथा इनके झांसे में नहीं आने वाली। दंगा एवं गुंडागर्दी करना भाजपा पार्टी से जेहन में शामिल हैं जो सर्वविदित है।
कुछ दिन पूर्व भाजपा नेताओं के उकसावे पर इनके समर्थकों ने समाहरणालय परिसर में एक दलित परिवार के बेटा के साथ दुर्व्यवहार किया तथा अशोभनीय भाषा का प्रयोग करते हुए उनके साथ गाली-गलौच एवं मार-पीट किया और मुकदमा से बचने के लिए झूठी कहानी रच उल्टा फर्जी केस करने का काम किया है। बीच-बचाव करने गए झामुमो के दो प्रमुख नेताओं को बदनाम करने के लिए झूठा केस में फंसाया गया है। जो इनके पूर्व से सुनियोजित साजिश थी।
राज्य में सत्ता जाने और विधानसभा में मिली हार को भाजपा नेता और कार्यकर्ता पचा नहीं पा रहे हैं। इसलिए विभिन्न हथकंडा अपनाकर सुनियोजित तरीके से वह झामुमो को बदनाम करने की असफल कोशिश कर रहें है। झामुमो नेता उनके झूठे आरोप एवं अनर्गल बयानबाजी से घबराने वाले नहीं हैं बल्कि मजबूती के साथ भाजपा के चाल, चरित्र और दोहरे चेहरे को आम जनता के समक्ष उजागर करने का काम करते रहेंगे।
प्रेसवार्ता में जिला सचिव मनोज ठाकुर, जिला प्रवक्ता धीरज दुबे,बिधायक प्रतिनिधि कंचन साहू, केंद्रीय समिति सदस्य विनोद तिवारी, उपाध्यक्ष नुरूल होदा शामिल थे।