गढ़वा : कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष मानस सिन्हा पिछले विधानसभा चुनाव से पहले भवनाथपुर विधानसभा चुनाव क्षेत्र को टारगेट करते हुए कई राजनीतिक चहल कदमी की थी। मगर उन्हें पार्टी द्वारा यहां से प्रत्याशी न बनाकर केपी यादव को बना दिया गया था, लिहाजा इसके बाद से वे भवनाथपुर विधानसभा चुनाव क्षेत्र से एक तरह से मुख मोड़ चुके थे। मगर एक बार पुनः उन्होंने भवनाथपुर विधानसभा चुनाव क्षेत्र की ओर अपना रुख करते हुए एक बड़ा मुद्दा उठाया है। जिसमें उन्होंने आरएमडी सेल भवनाथपुर के 980 मजदूरों को बेरोजगार करने के सवाल पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर इस पूरे मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है।
श्री सिन्हा में अपने ही सरकार के मुख्यमंत्री से कहा है कि एक तरफ, आपके नेतृत्व में राज्य सरकार प्रवासी मजदूरों को राज्य में लाने और उन्हें रोजगार देने की व्यवस्था कर रही है, दूसरी तरफ आरएमडी सेल प्रबंधन 980 मजदूरों का रोजगार छीन रही है, जो तुलसीदामर माइंस में काम कर रहे हैं, जबकि इन 980 श्रमिकों के नाम "बी" रजिस्टर में दर्ज है और मार्च, अप्रैल और मई 2020 के लिए वेतन देय है।
बावजूद सेल प्रबंधन ने गरीब श्रमिकों के वेतन को देने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है। ऐसी हालत में कोरोना के कारण नहीं बल्कि भुखमरी के कारण ऐसे मजदुर मर जाएंगे।
झारखंड प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष श्री सिन्हा ने मुख्यमंत्री से मांग किया है कि मार्च, अप्रैल और मई 2020 के महीने का इन 980 श्रमिकों को देय वेतन का भुगतान करने के लिए तुलसीदामर माइंस प्रबंधन को निर्देश दें और उन्हें तत्काल प्रभाव से उक्त खानों को फिर से खोलने के लिए कहें।
इस तरह से कहा जा सकता है कि इस बड़े मुद्दे को उठाकर कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष मानस सिन्हा ने एक बार फिर गढ़वा जिले के भवनाथपुर विधानसभा चुनाव क्षेत्र को अपनी कर्मभूमि बनाने का संकेत दिया है।
मालूम हो कि पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी द्वारा इन्हें टिकट नहीं देने से इतने नाराज हो गए थे कि उन्होंने इस्तीफे तक की धमकी दे दी थी। मगर बाद में पार्टी नेताओं के समझाने के बाद वे मान गए थे।