11 दिनों के विराट मेले में लगने लगा टावर झूला, नाव झूला, ड्रैगन ट्रेन सहित कई झूले
मेले के लिए दुकानों का रजिस्ट्रेशन शुरू
13 से 23 फरवरी तक मानस महायज्ञ की रजत जयंती समारोह का आयोजन
गढ़वा : प्रसिद्ध पर्यटन स्थल सतबहिनी झरना तीर्थ में माघ पूर्णिमा से 11 दिनों के विराट मेले की तैयारी शुरू हो गई। इस दौरान नालंदा की कंपनी के द्वारा झूला लगाए जाने का काम शुरू कर दिया गया है। जबकि विभिन्न दुकानों का रजिस्ट्रेशन भी किया जा रहा है। मालूम हो कि मानस महायज्ञ के अवसर पर माघ पूर्णिमा से सतबहिनी झरना तीर्थ में प्रतिवर्ष 11 दिनों का विराट मेला लगता है। जिसमें स्थानीय हजारों व्यापारियों के साथ अन्य कई जिलों एवं दूसरे राज्यों के सैकड़ो व्यापारी इस मेले में अपनी दुकान सजाते हैं।
जहां लाखों की संख्या में दूर-दूर से आने वाले पर्यटक 11 दिनों तक जमकर खरीदारी करते हैं। मां सतबहिनी झरना तीर्थ एवं पर्यटन स्थल विकास समिति के तत्वावधान में 13 फरवरी से 23 फरवरी तक मानस महायज्ञ की रजत जयंती समारोह के मौके पर 11 दिनों का विराट मेला लगेगा। इस मेले की तैयारी अभी से शुरू हो गई है। इन दिनों सतबहिनी झरना तीर्थ के मेला मैदान में बिहार राज्य के नालंदा जिला की कंपनी बहुत बड़ा झूला लगा रही है। इस दौरान टावर झूला, नाव झूला, ब्रेक डाउन झूला, ड्रैगन ट्रेन, मिकी माउस, 3 इन 1 झूला, स्कॉर्पियो झूला, जादू शो आदि की तैयारी जोर शोर से की जा रही है। मेला के व्यवस्थापक ज्वाला प्रसाद ने कहा कि हालांकि 13 फरवरी से मानस महायज्ञ के साथ-साथ विराट मेले की शुरुआत होगी।
लेकिन बहुत बड़े झूले के लिए कई दिन पहले से कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस झूला कंपनी के पास बच्चों के साथ-साथ बड़ों के मनोरंजन की भी भरपूर व्यवस्था है। यहां पहुंचने पर लोगों का भरपूर मनोरंजन किया जाएगा। यह कंपनी जहां भी जाती है लाखों की संख्या में लोग झूले का आनंद लेने के लिए उमड़े पड़ते हैं। मेले की जानकारी देते हुए समिति के सचिव पंडित मुरलीधर मिश्र ने कहा कि मेले में भीड़ बढ़ने के बाद व्यवस्थित ढंग से मेले का कार्यक्रम सफल नहीं हो पाता। मेला को सुव्यवस्थित बनाए जाने को लेकर इस वर्ष पहले से ही तमाम व्यवसाइयों को उनकी दुकान के लिए स्थान आवंटन एवं लिखित रूप में उनका रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम को लेकर मीडिया के माध्यम से स्थानीय एवं दूर-दूर के विभिन्न तरह की दुकान लगाने वाले व्यापारियों को यह सूचना दी गई है कि सतबहिनी झरना तीर्थ में पहुंचकर समिति से संपर्क करके अपना स्थान आवंटन एवं दुकान का रजिस्ट्रेशन करा लें।
उन्हें रजिस्ट्रेशन के दौरान दुकान की क्रम संख्या, आवंटित स्थान का आकार, दुकानों की कतार की संख्या एवं उनके लिए निर्धारित पर्यटन स्थल विकास शुल्क का बिवरण स्पष्ट रूप से लिखा रहेगा। जिसे कमेटी को दिखाने के बाद ही वह अपनी दुकान लगा सकेंगे। रजिस्ट्रेशन के दौरान उन्हें बताए गए नियमों एवं प्रावधानों का अक्षरश: पालन करना होगा। सफाई एवं शांति व्यवस्था की उनकी जिम्मेवारी निभानी होगी। निर्धारित शुल्क हर हाल में वर्णित तिथि को भुगतान कर देना होगा। पिछले मेले में हुई अव्यवस्था को देखकर ही समिति की बैठक में नियम एवं प्रावधान तय किए गए हैं। तमाम व्यापारी जो सतबहिनी झरना तीर्थ में आयोजित 25वें मानस महायज्ञ के दौरान 11 दिनों के विराट मेले में दुकान लगाना चाहते हैं उन्हें मौके पर पहुंचकर समिति से मिलकर अपना रजिस्ट्रेशन करा लेने की सलाह दी गई है।
सचिव ने कहा कि 13 फरवरी को मानस महायज्ञ की रजत जयंती को लेकर सतबहिनी झरना तीर्थ से विराट कलश यात्रा निकाली जाएगी। जो सड़क मार्ग से सैकड़ो वाहनों पर सवार होकर दर्जनों गांव से होते हुए उत्तरी कोयल एवं बाईं बांकी नदी के संगम पर बजरंगबली मंदिर घाट पर पहुंचेगी। इस दौरान यज्ञाचार्य पंडित श्याम बिहारी वैद्य के नेतृत्व में याज्ञिक पुरोहितों की टोली के द्वारा दसियों हजार कलश यात्रियों के संकल्पित कलशो में अभिमंत्रित जल भरवाया जाएगा। इससे पूर्व यज्ञाचार्य एवं पुरोहितों के द्वारा वरुण देवता व गंगा माता सहित कई देव शक्तियों की विधिवत पूजा अर्चना करते हुए पहले मुख्य यजमानों के प्रधान कलशों में अभिमंत्रित जल भरवाया जाएगा।
उसके बाद तमाम कलश यात्री पवित्र कलशो में जल भरकर पुनः अपने-अपने वाहनों से वापस सतबहिनी झरना तीर्थ पहुंचकर यज्ञ मंडप की परिक्रमा करके कलशो को स्थापित करेंगे। इसके बाद तमाम कलश यात्रियों को प्रसाद एवं जलपान कराया जाएगा।

सतबहिनी मेला का फाइल फोटो।
वहीं अगली सुबह 14 फरवरी को यज्ञाचार्य के नेतृत्व में याज्ञिक पुरोहितों के द्वारा पंचांग पूजन, मंडप प्रवेश एवं मंत्र शक्ति से अग्नि प्राकट्य के साथ मानस महायज्ञ का विधिवत शुभारंभ हो जाएगा। इसी के साथ यज्ञ मंडप की श्रद्धालुओं के द्वारा परिक्रमा भी शुरू हो जाएगी। जबकि इसी दिन दोपहर 12:00 बजे से ज्ञान मंच के उद्घाटन व व्यास पीठ की पूजा के बाद प्रवचन सत्र का शुभारंभ हो जाएगा।
इस वर्ष अयोध्या विद्या कुंड के महामंडलेश्वर श्री श्री 1008 श्री महंत प्रेम शंकर दास जी, अयोध्या के ही पंडित अवधेंद्र प्रपन्नाचार्य, चित्रकूट की राजकुमारी देवी जी एवं गुप्तकाशी के आचार्य सौरभ कुमार भारद्वाज के द्वारा संगीतमय प्रवचन प्रस्तुत किया जाएगा। इस दौरान श्रीमद् भागवत महापुराण एवं श्री रामचरितमानस की कथा प्रस्तुत की जाएगी। 22 फरवरी तक उक्त कार्यक्रम निरंतर जारी रहेगा। जबकि 23 फरवरी को यज्ञ की महापुर्णाहुति, महा भंडारा एवं संत विद्वानों की विदाई की जाएगी।