बंशीधर नगर :
-श्री श्री ठाकुर अनुकूलचन्द्र जी के अनुयायियों द्वारा जंगीपुर ग्राम स्थित सत्संग उपासना केंद्र उर्जितपा के प्रांगण में माघ पूर्णिमा के शुभ अवसर पर सत्संग सह भंडारा का आयोजन किया गया.
सत्संग का शुभारंभ बन्देपुरुषोतम ध्वनि,शंख ध्वनि के बीच दीप प्रज्वलित कर किया गया.इसके बाद सत्यानु शरण ग्रंथ ,नारी नीति ग्रंथ,शाश्वती ग्रंथ का पाठ व समवेत नाम जप किया गया.सत्संग में उपस्थित धृतिसुन्दर लाल,अनिता देवी,गीता देवी व निर्मला जायसवाल ने भक्ति मूलक भजन प्रस्तुत किया. इष्टचर्चा करते हुये ऋत्विक विजयनन्दन सिन्हा ने कहा कि आज माघ पूर्णिमा व संत शिरोमणि रविदास जी की जयंती है,जो विभिन्न स्थानों पर बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है.लोग गंगा, यमुना,सरस्वती नदी में स्नान कर दान पुण्य करते हैं.सत्संग में सभी देवी देवता उपस्थित रहते हैं.उन्होंने संत शिरोमणि रविदास जी की जीवनी पर प्रकाश डालते हुये कहा कि संत व्यवहारिक होते हैं.संत रविदास द्वारा रचित"तुम चंदन हम पानी भजन को गाते हुये कहा कि ईश्वर स्वामी होते है और संत एक दास होते हैं.ईश्वर का नाम हीरा है और उस नाम को जपने से मनुष्य ईश्वर को प्राप्त कर लेता है.उन्होंने कहा कि जो मनुष्य ईश्वर के नाम पर विश्वास नही करता है,वह यमपुरी में निवास करता है.ईश्वर नाम मनुष्य को तीक्ष्ण बनाता है.कलयुग में ईश्वर नाम सर्वोपरि है.उन्होंने कहा कि वर्तमान पुरुषोत्तम श्री श्री ठाकुर जी का दीक्षा ग्रहण कर उनके द्वारा सतनाम ग्रहण करना मनुष्य का कर्तव्य है.उन्होंने कहा कि प्रत्येक घर मे शाश्वती पत्रिका का पाठ होना चाहिये.सत्संग के बाद आयोजित भंडारा में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने महाप्रसाद ग्रहण किया.सत्संग में ब्रजेश तिवारी,अजय दा,भागीरथी दा,शक्तिदास सिन्हा,अजय दा,गोविन्द दा,राहुल कुमार,भोला प्रसाद,राकेश कुमार,देवशरण, पप्पू,श्रीकांत,विमला देवी, बबिता सिंह,पूजा देवी,वृंदा देवी,सीमा,दीपमाला, किरण देवी,प्रभा देवी,चंचला गुप्ता,राजकुमार, विजय,श्रेया,लक्ष्य,धृतिदीप्त सहित बड़ी संख्या में सत्संगी उपस्थित थे.