भवनाथपुर : भवनाथपुर प्रखंड क्षेत्र के सिंदुरिया पँचायत की दिव्यांग महिला गीता देवी 35 वर्ष विगत आठ माह से पेंशन के लिए पँचायत भवन से लेकर प्रखंड कार्यालय का चक्कर काट रही है। परंतु आठ माह बीतने के बावजूद महिला का फरियाद सुनने वाला कोई नहीं। इस कोरोना जैसी महामारी व लॉक डाउन में अपने 70 वर्षीय वृद्ध मां मीना देवी के पेंशन के पैसे से अपना गुजारा कर रही है। गीता को सड़क पर अपने वृद्ध माँ मीना देवी को ट्राई सायकिल पर बैठा कर चलते देख सहसा ही किसी का दिल द्रवित हो जाए पर सरकारी बाबुओं को क्या? आठ माह में भी उक्त दिव्यांग का पेंशन चालू नहीं हो सका।
गीता ने बताया कि पूर्व में 600 रु पेंशन मिलता था परंतु जबसे सरकार के द्वारा 1000 रु पेंशन लागू हुआ है उसी समय से मेरा पेंशन बन्द हो गया।
जिसको लेकर सभी तरह के दस्तावेज हमने पँचायत व प्रखंड कार्यालय में जमा किया परंतु आज तक कार्य नहीं हुआ।
शुक्रवार को गीता को पूर्व बीडीओ उमेश मंडल का स्थानांतरण का पता चला तो अपने कार्य के बारे में पूछने अपने बूढ़ी मां को सिंदुरिया से पांच किलोमीटर दूर ट्राई साइकिल पर बैठा कर लाई थी। परंतु उसे निराश ही हाथ लगा। क्योंकि पूर्व के बीडीओ की विदाई समारोह की तैयारी चल रही थी तो वर्तमान बीडीओ रविन्द्र कुमार अपने सभी कार्य का पदभार में व्यस्त थे।
गीता ने बताया कि मेरी शादी मझिआंव थाना क्षेत्र में मुखलाल राम से हुई है परंतु पूर्व से ही अपने वृद्ध मां के साथ सिंदुरिया मैके में ही रहती हूं। गीता को अपने मां के कार्य मे हांथ बटाते ट्राई सायकल पर चलते लोग सहसा ही कहते है कि दिव्यांग बेटी हो कर भी एक बेटा के तरह अपने मां की अरमानों को पूरा कर रही है, पर सरकारी बाबुओं का उस दिव्यांग महिला पर तनिक भी तरस नहीं आ रहा है।