गढ़वा : झारखंड प्रारंभिक शिक्षक संघ, गढ़वा जिला इकाई की ऑनलाइन बैठक, मीट एप पर आयोजित की गई ।
बैठक में सर्वसम्मति से 2015 - 16 में नियुक्त हुए शिक्षकों के साथ कार्यालय द्वारा भेदभाव किए जाने पर खेद जताया गया ।
बैठक में 2015 16 में नियुक्त हुए शिक्षकों का 5 वर्ष बाद भी अभी तक सेवा संपुष्टि नहीं नहीं किए जाने को लेकर, नाराजगी व्यक्त करते हुए दुर्भाग्यपूर्ण बताया गया। साथ ही राज्य द्वारा सभी शिक्षकों की सेवा संपुष्टि करने के आदेश के बावजूद गढ़वा डीएसई द्वारा सेवा संपुष्टि करने को लेकर गंभीरता नहीं दिखाए जाने का आरोप लगाया गया।
बैठक के दौरान शिक्षक नेताओं ने कहा कि सत्यापन के लिए शिक्षकों से ड्राफ्ट पोस्टल आर्डर लिया गया था, ससमय सत्यापन की समुचित प्रक्रिया नहीं अपनाए जाने के कारण ड्राफ्ट/पोस्टल ऑर्डर रद्दी हो गया।
नुकसान शिक्षकों का हुआ जिसकी चिंता किसी को नहीं हुई।
पुनः 2019 में दुबारा शिक्षकों ने प्रमाण पत्र के सत्यापन हेतु समुचित राशि डीएसई कार्यालय को उपलब्ध कराइ गरी थी बावजूद शिक्षकों का सेवा संपुष्टि लंबित है जिससे शिक्षकों का अंतर जिला स्थानांतरण का प्रस्ताव एवं निदेशालय से मिलने वाला गृह निर्माण ऋण का प्रस्ताव जैसे कार्य नहीं हो पा रहा है ।
बैठक में उपस्थित शिक्षक नेताओं ने कहा कि समुचित निदान नहीं हो पाने से मजबूर होकर झारखंड प्रारंभिक शिक्षक संघ की प्रदेश इकाई द्वारा राज्य भर में ऑनलाइन आंदोलन चलाने का निर्णय लिया गया। आंदोलन के प्रथम चरण में 28 एवं 29 जुलाई को राज्य भर से लगभग 5000 शिक्षकों ने ट्विटर पर ट्वीट कर शिक्षा मंत्री एवं मुख्यमंत्री से सेवा संपुष्टि करने एवं अंतर जिला स्थानांतरण करने की मांग की ।
इसमें गढ़वा जिले से लगभग 200 शिक्षकों ने भाग लिया ।
अब आंदोलन के दूसरे चरण में 4 एवं 5 अगस्त को फेसबुक के जरिए सेवा संपुष्टि करने एवं अंतर जिला स्थानांतरण करने की मांग शिक्षा मंत्री एवं मुख्यमंत्री से करने का कार्यक्रम निर्धारित है। जिसे सफल करने के लिए झारखंड प्रारंभिक शिक्षक संघ के, गढ़वा जिला इकाई द्वारा, जिला भर के सभी शिक्षकों से इस आंदोलन में भाग लेने की अपील किया गया।
साथ ही चेतावनी दिया गया है कि पुनः जिला शिक्षा अधीक्षक, गढ़वा एवं उपायुक्त गढ़वा को अवगत कराया जाएगा, इसके बाद भी यदि सेवा संपुष्टि नहीं की जाती है तो, गढ़वा जिला के सभी शिक्षक कोरॉना संक्रमण काल में भी सड़क पर उतर कर आंदोलन करने को विवश होंगे।