मेराल :
नथन चौधरी हत्याकांड में पुलिस की कार्रवाई से असंतुष्ट मेराल थाना परिसर में पहुंचे ग्रामीणों के साथ दुर्व्यवहार एवं राह चलते युवक को पिटाई करने के कारण आज मेराल पूर्वाहन 11:00 बजे से दोपहर 3:00 बजे तक रण क्षेत्र में तब्दील हो गया था ।

इस दौरान एक तरफ पुलिस थी जो भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मारपीट कर मामले को शांत कराने के प्रयास में थी तो दूसरे तरफ आक्रोशित पब्लिक थी जो हर हाल में पुलिस से बदला लेने के नाम पर पथराव तोड़फोड़ जैसी किसी भी तरह की कार्रवाई करने से गुरेज नहीं कर रही थी ।
हालत यह रहा इस दौरान दर्जनों आम आदमी तथा कुछ पुलिस के जवान भी घायल हो गए हैं फिलहाल मामला शांत है पर स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है घटना के विरोध में दोपहर 3:30 बजे तक मेराल की सभी दुकानें एवं व्यवसायिक प्रतिष्ठान बंद था।

इस घटना के पीछे पिछले दिनों मेराल थाना के हासन दाग गांव में मिली नथन चौधरी नामक ग्रामीण का शव मिलना था, ग्रामीणों का मानना था कि उसकी हत्या हुई है तब ग्रामीणों को पुलिस ने आश्वासन दिया था कि 24 घंटे के अंदर इस हत्याकांड के दोषी लोगों को गिरफ्तार करते हुए पुलिस मामले की उद्भेदन कर देगी । इस मामले में घटना के दिन ही पुलिस ने गांव के ही चार लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में भी लिया था जिनमें जगदीश विश्वकर्मा राजेंद्र चौधरी शिव कुमार चौधरी तथा दशरथ भुईया का नाम शामिल हैं। ग्रामीणों का कहना था की जगदीश विश्वकर्मा के घर मीट बना था उस पार्टी में उक्त चारों लोगों के अलावा मृतक नाथन चौधरी भी उनके साथ शामिल था जिसके बाद नथन का शव खेत में मिला था, जिससे ग्रामीणों को संदेह है कि कहीं न कहीं नाथन हत्याकांड में उक्त लोगों का हाथ रहा होगा।
जिन्हें पूछताछ के लिए हिरासत में लेने के बाद पुलिस ने जैसे ही पूछताछ के बाद छोड़ दिया तो इसकी सूचना मिलने से ग्रामीण आक्रोशित हो उठे तथा विरोध में आज सुबह 9:00 बजे से ही मेराल में जमा होने लगे थे ।हासनदास तथा आसपास के गांव के लोग पूर्वाहन 11:00 बजे तक सैकड़ों की संख्या में थाना में पहुंच गए जैसे ही वे लोग थाना पहुंचे पुलिस से बहस करने लगे मेराल पुलिस ने आव देखा न ताव कुछ लोगों के साथ बल प्रयोग करते हुए थाना परिसर से बाहर निकाल दिया जिससे भीड़ और उग्र हो गई तथा थाना के ही सामने एनएच 75 को जाम कर दिया ।एनएच 75 सड़क जाम की सूचना जैसे ही गढ़वा पहुंची गढ़वा से मुख्यालय एसडीओ राज माहेश्वरी तथा पुलिस की टीम दोपहर करीब 11:30 बजे सड़क जाम कर रहे लोगों के साथ बातचीत ही कर रही थी कि गढ़वा की ओर से एक मेडिकल दुकान का कर्मचारी धीरज पासवान सड़क से गुजर रहा था तभी उसके साथ एक पुलिस वाले ने मारपीट कर उसे घायल कर दिया।
इस घटना से वहां पर उपस्थित भीड़ पूरी तरह से उग्र हो गई और दोनों तरफ से जोर आजमाइश का दौर शुरू हो गया। देखते ही देखते पूरा मेराल थाना तथा आसपास का इलाका रणक्षेत्र में तब्दील क्या हो गया ।पुलिस को टारगेट कर भीड़ पथराव कर रही थी जब स्थिति बिगड़ने लगी तो पुलिस ने लाठी चार्ज करते हुए आंसू गैस के गोले तक छोड़े हालत यहां तक आ गई कि पुलिस बल को जिला मुख्यालय गढ़वा से बुलाकर मेराल बस स्टैंड से लेकर हाई स्कूल तक के इलाके में भीड़ को खदेड़ा गया इस दौरान पुलिस वालों ने बेगुनाह लोगों को भी नहीं बख्शा ,राह चलते लोगों के साथ मारपीट की कई दुकानदारों को भी मारपीट किया गया जिससे लोगों के बीच काफी रोष व्याप्त है।
स्थिति इतनी बिगड़ गई कि पुलिस को पूरे मेराल इलाके में तैनात कर दिया गया देखते ही देखते विरोध में सभी व्यवसायिक प्रतिष्ठान बंद कर दिए गए दोपहर 3:00 बजे के बाद मामला किसी तरह से शांत हुआ ।
बताया जा रहा है कि करीब डेढ़ दर्जन लोगों को पुलिस हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।
घायलों का इलाज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मेराल में किया गया। मामले को नियंत्रित करने के लिए डीएसपी अवध कुमार यादव, एसडीओ राज महेश्वरम ,रंका एसडीओ ,सहित गढ़वा ,रमना ,तथा डंडई पुलिस को मोर्चा संभालना पड़ा। इस दौरान पुलिस द्वारा बड़ी संख्या में लोगों को हिरासत में भी लिया गया। उग्र पुलिस द्वारा तोड़फोड़ करते हुए कई मोटरसाइकिलो को जप्त किया गया। करीब तीन घंटे तक थाना चौक हॉस्पिटल चौक बस स्टैंड का इलाका रण क्षेत्र में बदल गया। इस दौरान राहगीर सहित कई अन्य लोग भी घायल हो गए।
पूरे मेराल में अफरातफरी का माहौल रहा है लोग अपने अपने घर में दुबके सहमे रहे।
आलम यह था कि क्षेत्र के दुकानदार अपना सामान छोड़ कर जान बचाकर भागे यात्री अपना अपना बहन को भी रोड पर छोड़ जान बचाते दिखे। लोगों का कहना है कि इससे पूर्व मेराल में इस तरह की घटना कभी नहीं हुई थी।