मझीआंव : मझीआंव नगर पंचायत क्षेत्र के बकोईया गांव स्थित कोयल नदी मे बगैर घाट के अवैध तरीके से नाव के सहारे लोगों को नदी पार कराई जा रही है। नाव इतनी बड़ी है कि इसमें क्षमता से अधिक सवारी को एक साथ बैठा लिया जाता है। अधिक सवार होने पर हादसे का भय बना रहता है। इसके बावजूद ही स्थानीय प्रशासन वह पुलिस को इस ओर ध्यान नहीं है। इसलिए यात्री जल्दी पहुंचने के चक्कर में खतरे का सफर तय करने में अपनी दिलचस्पी दिखा रहे हैं। लोग नाव के जरिए पिछले महीने से आवागमन कर रहे हैं।
एक और जहां सरकार भ्रष्टाचार को खत्म करने के दावा कर रहा है तो दूसरी तरफ प्रतिबंधित कोयल नदी में नाव से नदी पार कराने के नाम पर नाव संचालक द्वारा लोगों से अवैध वसूली कर रहे हैं।
एक आदमी से नदी पार करवाने के नाम पर 20 से 25 रुपए तथा दो पहिया वाहन के 40 रुपए वसूले जाते हैं।
इधर ज्ञात हो कि नाव संचालक को कोरोना वायरस महामारी की कोई परवाह नहीं है। नाव अवैध घाट बकोईया नदी से पलामू जिले के जोगा करकटा घाट तक चलाया जाता है। प्रतिदिन दर्जनों बार नाव का आवागमन होता आ रहा है। इधर लोगों का कहना है कि नदी पार जाने के लिए सरकार के द्वारा ठेका होता था। लेकिन अभी तक ठेका के अनुमति नहीं दी गई है। जो नियम को ताक पर रखकर अवैध ढंग से नाव चलाई जा रही है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि नदी में अचानक बाढ़ आ जाया करती रहती है। इसी वजह से नाव दुर्घटना ग्रस्त होने की संभावना बन जाती है। अगर समय रहते इसे रोका नहीं गया तो कभी भी लोगों की जान खतरे में पड़ सकती है।
इधर नाव के संचालक बासुदेव चौधरी एवं उनके पुत्र सुरेंद्र चौधरी ने बताया कि नाव का टेंडर नहीं हुआ है। हम लोग नाव चला कर किसी तरह की मजदूरी निकाल रहे हैं।
इधर अंचलाधिकारी राकेश सहाय ने बताया कि प्रतिबंधित नदियों से बगैर ठेका नाव चलाना गैर कानूनी है।