गोमिया। आईईपीएल ओरिका कंपनी द्वारा स्थानीय रैयतों की कब्जा की हुई जमीन की मापी मामले में सोमवार को प्रखंड कार्यालय में आयोजित बैठक में कंपनी के अधिकृत प्रतिनिधि नहीं पहुंचने पर यहां पहुंचे सरकार के दर्जा प्राप्त मंत्री योगेंद्र प्रसाद, अपर समाहर्ता सदात अनवर, गोमिया सीओ संदीप अनुराग टोपनो व पेटरवार सीओ ब्रजेश श्रीवास्तव ने नाराजगी जाहिर किया और उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी के कार्यालय राजस्व शाखा द्वारा जारी तीन महत्वपूर्ण प्रस्तावना बिंदुओं व उसकी उप बिंदुओं पर कार्रवाई का निर्देश दिया गया। वहीं मौजूद स्थानीय प्रभावित रैयतों में कंपनी द्वारा बार बार टाल मटोल की प्रक्रिया अपनाए जाने पर रोष दिखाई दी।
मामले में मौजूद सरकार के दर्जा प्राप्त मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने बताया कि आईईपीएल ओरिका कंपनी के द्वारा कोरोना काल व कोरोना काल से पूर्व स्थानीय आदिवासी मूलवासियों का हजारों एकड़ जमीन पुलिस प्रशासन को सामने खड़ा कर व उसका डर दिखाकर कब्जा कर लाया है जो सरकार उसे अधिग्रहण करके नहीं दिया है। बताया कि इसकी शिकायत उन्होंने ही मुख्यमंत्री से किया गया था। उसी आधार पर जिला स्तर पर अपर समाहर्ता की अध्यक्षता में कमिटी बनी जिसमें मुख्य रूप से एसडीएम तेनुघाट, सीओ पेटरवार, सीओ गोमिया सहित मैं खुद हूं। बताया कि सोमवार को आयोजित यह दूसरी बैठक थी। इससे पूर्व 15 दिसंबर को हुए बैठक में निर्देशित था कि कंपनी अपने अधिकृत प्रतिनिधि व पक्षधरता की उपस्थिति में सरकार द्वारा अपने अधिग्रहित जमीन का ब्यौरा संबंधित कागजात उपलब्ध कराए, लेकिन कंपनी ने समीक्षा बैठक में किसी भी प्रतिनिधि व संबंधित कागजात को उपलब्ध नहीं कराया। बताया कि कंपनी द्वारा गठित सहित उपायुक्त व अपरसमाहर्ता के एक एक पत्र देकर यह सूचित किया जाता है कि वे संबंधित मामले को लेकर उच्च न्यायालय के शरण में जा रहे हैं। बताया कि कंपनी का यह रुख किसी बड़े घोटाला की ओर इशारा करता है। सरकार द्वारा कंपनी को कितना वन भूमि, कितनी गैर मजरुआ भूमि तथा कितनी रैयती जमीन अधिग्रहित कर दिया गया है यह बताने के बजाए कंपनी भाग रही है। इससे जाहिर है कि हजारों एकड़ जमीन गलत तरीके से कब्जा कर रखा है और हर हाल में सरकार संकल्पित है कि रैयत विस्थापित के जमीन को कंपनी से मुक्त कराने का काम करेंगे।
वहीं अपर समाहर्ता सदात अनवर ने भी बताया कि सोमवार को आईईपीएल ओरिका की भूमि मापी की बैठक आयोजित थी जिसमें आईईपीएल गोमिया द्वारा पत्र देकर सूचित किया गया है कि मामले को लेकर सूचित किया गया है कि माननीय उच्च न्यायालय में रिट याचिका दायर करेंगे, लेकिन अभी तक हमलोगों को रिट याचिका की कोई प्रति प्राप्त नहीं हुई है। बताया कि उपायुक्त बोकारो द्वारा यह कमिटी गठित है आईईपीएल ओरिका द्वारा जो कागजात मांगे गए थे अंचल कार्यालय में वह अब तक अप्राप्त है। बताया कि बैठक में निर्णय लिया गया कि अंचल कार्यालय में जो कागजात मौजूद है ग्रामवार नक्शा है उसी आधार पर अंचल कर्मी पेटरवार व गोमिया के द्वारा मापी की कार्रवाई शुरू की जाएगी। बताया कि कई बिंदु चिन्हित किए गए हैं यथा आईईपीएल को सरकार द्वारा कितनी भूमि आवंटित की गई थी, यदि भूमि अतिक्रमित की गई है तो वह घेराबंदी अतिक्रमण योग्य है या नहीं उसकी चिन्हितिकरण सहित किस रैयत की भूमि अतिक्रमित की गई है उस रैयत का नाम दर्शाने का काम शुरू किया जाएगा। बताया कि अगले बैठक में सभी कार्यों की समीक्षा की जाएगी।
इसीप्रकार गोमिया सीओ संदीप अनुराग टोपनो ने बताया कि कंपनी द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में रिट याचिका याचिका दायर करने की बात कही गई है। जिससे पता चलता है कंपनी द्वारा जमीन मापी मामले में कोई रूचि नहीं ली जा रही है। बताया कि कार्यालय में रिट के प्रति अप्राप्त है। कंपनी द्वारा प्रति जब उपलब्ध कराई जाएगी तब उपलब्ध कराई जाएगी। तत्काल 3 बिंदुओं सहित उप बिंदुओं पर प्रस्ताव निर्णय लिया गया और कल से ही मापी का कार्य शुरू किया जाएगा। बताया कि भूमि मापी का कार्य संपन्न कराने के लिए अंचल अमीनों, राजस्व उप निरीक्षकों, अंचल निरीक्षक सहित विधि व्यवस्था संधारण के लिए पुलिस बल प्रतिनियुक्ति के लिए एसडीएम बेरमो को पत्र प्रेषित किया जाएगा।
मौके पर सिंयारी मुखिया रामवृक्ष मुर्मू, खम्हरा मुखिया बंटी उरांव, झामुमो नेता अमित पासवान, सोनाराम मांझी, शमीम अंसारी सहित दर्जनों लोग मौजूद थे।