आपने सुना होगा कि माल महराज के मिर्जा खेले होरी।इस कहावत को चरितार्थ कर रहा है जिला प्रशासन।हुआ यूं कि जिला प्रशासन समाहरणालय भवन निर्माण के लिए जिला परिषद से लिये 20 लाख रुपये लौटा नहीं रहा है. 20 वर्ष पूर्व यह राशि जिला प्रशासन को अग्रिम के तौर पर दी गयी थी। इसके लिए जिला परिषद उपायुक्त को 27 बार पत्र लिख चुका है. वहीं इस मुद्दे पर मासिक बैठक व अन्य बैठकों में चर्चा भी चर्चा होती रही। बावजूद इसके अब तक राशि नहीं मिली है.
वर्ष 2000 में जब समाहरणालय का निर्माण किया जा रहा था. उस वक्त जिला प्रशासन के पास फंड नहीं था. इस वजह से जिला परिषद से 20 लाख रुपये अग्रिम राशि लौटने के शर्त पर लिया गया. तत्कालीन डीडीसी सह जिला परिषद के सीइओ ने उपायुक्त बोकारो के पत्रांक 146/ दिनांक 25 फरवरी 2000 के आलोक में राशि दी थी.
अब जिला परिषद उस राशि को वापस लेने का प्रयास कर रहा है, लेकिन सफलता नहीं मिली. बताया जाता है तत्कालीन डीसी चंचल कुमार से अग्रिम राशि ली गयी थी.
कुल27 बार राशि वापसी के लिए पत्र लिखा गया है।
जिला परिषद द्वारा वर्ष 2000 से ही अब तक लगभग दो दर्जन बार से अधिक बार बोकारो उपायुक्त को पत्र लिखा गया है. लेकिन अब तक जिला प्रशासन ने राशि के लिए कोई सुगबुगाहट नहीं दिखी. जिला परिषद ने 22 अप्रैल 2000, 16 जून 2000, 18 सितंबर 2000, 12 अप्रैल 2001, 08 जनवरी 2002, 07 अगस्त 2002, 16 अक्तूबर 2003, 29 अप्रैल 2004, 09 फरवरी 2005, 16 नवंबर 2006, 10 मार्च 2010,19 जुलाई 2010, 03 सितंबर 2010,26 जुलाई 2011, 08 दिसंबर 2012, 06 जून 2013, 21 अगस्त 2013, 30 जनवरी 2015, 18 जून 2015, 26 सितंबर 2015, 06 फरवरी 2016, 07 जून 2016, 17 जनवरी 2017 को
समाहरणालय निर्माण के लिए जिला प्रशासन ने ली थी जिला परिषद से राशि
उधार वापसी के लिए जिप ने प्रशासन को 27 बार पत्र लिखा।
जिला परिषद की राशि को वापस लेने की कार्रवाई पिछले कई वर्षों से चल रही है.
यदि यह राशि जिला परिषद के खाते में होती तो हजारों रुपये बैंक से लाभांश मिलते ,लेकिन ऐसा हुआ नहीं।
वहीं जिप अध्यक्ष सुषमा कुमारी ने कहा कि अब तक राशि वापस नहीं मिली है. बोकारो डीसी को इस मामले में कार्रवाई करने की आवश्यकता है.कई बार पत्र लिखा गया, यदि राशि मिलती तो विकास होता।