गढ़वा :
जेनरल एंड लकवा हॉस्पिटल, गढ़वा के परिसर में पलामू प्रमंडल का पहला पंचकर्म सेंटर का भव्य उद्घाटन किया गया। सेंटर का उद्घाटन मुख्य अतिथि डॉ एम एन सिंह, विशिष्ट अतिथि गढ़वा सिविल सर्जन डॉ कमलेश कुमार, गढ़वा जिला आयुष चिकित्सा पदाधिकारी डॉ कृष्ण कुमार एवं सम्मानित अतिथि पूर्व मंत्री गिरिनाथ सिंह, गढ़वा जिला पब्लिक स्कूल समन्वय समिति अध्यक्ष अलखनाथ पाण्डे, गढ़वा जिला पब्लिक स्कूल एसोशियेशन अध्यक्ष उमाकांत तिवारी, नगर पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि संतोष केशरी, सांसद प्रतिनिधि प्रमोद चौबे, नीमा प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय कुमार, इंडियन डेंटल एसोसिएशन के डॉ आलोक कुमार, फिजीयोथेरेपिस्ट डॉ पी डी तिवारी एवं वरिष्ठ पत्रकार विनोद पाठक ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित एवं फीता काटकर किया।

बतौर मुख्य अतिथि डॉ एम एन सिंह ने कहा कि सबसे प्राचीन चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद है और उसी का एक थेरेपी पंचकर्म है, जो शरीर को शोधन करता है और कई बीमारियों को जड़ से खत्म करता है। यहां तक कि स्वस्थ व्यक्ति भी आयुर्वेद एवं पंचकर्म से कायाकल्प हो जाता है। विशिष्ट अतिथि गढ़वा सिविल सर्जन डॉ कमलेश कुमार ने कहा गढ़वा जैसे छोटे शहर में स्वास्थ्य सुविधाएं निरंतर बढ़ रही है और सरकार भी काफी तेजी गति से स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम कर रही है।

इसके अलावा निजी अस्पताल से भी अलग-अलग विशेषज्ञों से लोगों को फायदा मिल रहा है। इस हॉस्पिटल में पलामू प्रमंडल का पहला पंचकर्म सेंटर खुलने से आयुर्वेद के क्षेत्र में काफी सराहनीय पहल है और यह पुरानी चिकित्सा पद्धति है जिसके माध्यम से निश्चित तौर पर जटिल से जटिल बीमारियों में काफी लाभदायक होगा।
वहीं जिला आयुष चिकित्सा पदाधिकारी डॉ कृष्ण कुमार ने कहा कि सरकार काफी प्रयास कर रही है कि प्रत्येक जिला में एक पंचकर्म सेंटर खोला जाएगा। लेकिन धरातल पर अभी तक किसी कारणवश दिख नहीं दिख पा रहा है। लेकिन आज निजी स्वास्थ्य केंद्र में पंचकर्म सेंटर खुलने से लोगों को काफी उत्सुकता हो रही है। क्योंकि सभी चिकित्सा से अलग आयुर्वेद की एक महत्वपूर्ण चिकित्सा पंचकर्म के माध्यम से कई बीमारियों से निजात दिलाया जा सकता है। खासकर लकवा, साइटिका, गठिया, जोड़ों का दर्द, कमर का दर्द, सिर दर्द, माइग्रेन, सर्वाइकल एवं लंबर स्पोंडिलाइटिस, अनिद्रा, मानसिक तनाव, चिड़चिड़ापन, मोटापा जैसी पुरानी बीमारियों के लिए रामबाण साबित होता है। हॉस्पिटल संस्थापक डॉ कुलदेव चौधरी का कहना है कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में जितना संभव हो पाएगा करने के लिए तैयार हूं।
इसके लिए हमारे देश में जो भी चिकित्सा पद्धति है चाहे एलोपैथ, आयुर्वेद, होम्योपैथी, यूनानी, फिजियोथैरेपी, सभी तरह की चिकित्सा को सम्मिलित करके किसी भी मरीजों के लिए बेहतर से बेहतर इलाज करने का प्रयास करूँगा। मौके पर हॉस्पिटल निदेशक जुली कुमारी, डॉ जितेंद्र कुमार, डॉ टी पीयूष, डॉ दीपक पांडे, डॉ पतंजलि केसरी, डॉ राकेश रंजन गुप्ता, डॉ जे पी ठाकुर, डॉ मोहम्मद इश्तियाक, डॉ सुभाष विश्वकर्मा, रमना उप प्रमुख रविंद्र कुमार चौधरी, पंचायत समिति सदस्य संजय चौधरी, मीडिया प्रभारी अंजनी तिवारी, मदन प्रसाद केसरी, गोपीचंद चौधरी, उमेश चौधरी, हॉस्पिटल प्रबन्धक बचनदेव चौधरी, संजय दुबे, दुदुन चंद्रवंशी, रिसेप्शनिस्ट रीना गुप्ता, लैब टेक्नीशियन अंजली कुमारी, फार्मासिस्ट ओमकार चौधरी, जीएनएम बसंती कुमारी, एएनएम ज्योति कुमारी, बिस्मिल्ला अंसारी, फैयाज अंसारी, अमरजीत चौधरी आदि उपस्थित थे।