भवनाथपुर : गर्मी की दस्तक के साथ ही प्रखंड के कई गांवों में पेयजल की समस्या गहराने लगी है। इस गाँव में लगे सरकारी चप्पाकल, जलमीनार वर्षो से खराब पड़े हुए है, वहीँ कुंआ भी पूरी तरह से सुख चुकी है। जिसके चलते गाँव के लोगो को पानी के लिए दर-दर भटकने को मजबूर होना पड़ रहा है। कई लोग नदी किनारे चुआड़ी खोदकर प्यास बुझाने की जदोजेहद में लगे हुए है। लेकिन अभी से गांवों में पीने के पानी की भीषण समस्या पैदा होनी शुरू हो गई है। धनि मंडरा, अरसली उत्तरी पँचायत के लहराहा, कैलान, अरसली दक्षिणी के हेशल दाग, सिंदुरिया के गाँव में ख़राब पड़े चापाकल की मरम्मति करा कर लोगो को पीने की पानी उपलब्ध कराने हेतु गाँव के ग्रामीणों के द्वारा प्रखंड प्रशासन से लेकर पीएचडी के अधिकारीयों को कई बार लिखित व मौखिक रूप से अवगत करा चुके हैं।
लेकिन गाँव में पेयजल की व्यवस्था दुरुस्त कराने की दिशा में कोई पहल नही हो सकी है।
वहीं धनी मंडरा के संस्था के अध्यक्ष शिवपारस कुमार, सचिव जयप्रकाश पासवान, उपाध्यक्ष विमलेश कुमार, सुनील पासवान, लहराहा के राम प्रीत कोरवा, अनुज कोरवा, उपेंद्र, सुरेंद्र, सतीश कोरवा सहीत अन्य ग्रामीणों ने बतलाया कि जनप्रतिनिधि, शासन, प्रशासन व पीएचडी की उदासीनता के कारण गाँव में पीने के पानी की अत्यधिक समस्या पैदा हो गई है। अधिकारियों को कई बार लिखित व मौखिक समस्या बताने के बावजूद इस ओर कोई भी ध्यान नहीं दिया जा रहा और लोगों को अभी तक सिर्फ आश्वासन ही मिलते आ रहा है। पेयजल की स्थिति बद से बदतर होती चली जा रही है। पानी के लिए गाँव के महिला पुरुष को दूर-दराज क्षेत्रों को भागना पड़ रहा है।
पानी के अभाव में लोगों के दिनचर्या कार्य भी प्रभावित हो रहे है। लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लोगों ने कहा कि यदि स्थिति में कोई कार्रवाई नही होती है तो उन्हें विभाग के खिलाफ सख्त कदम उठाने के लिए बाध्य होना पड़ेगा।