गढ़वा : समाहरणालय में प्रत्येक मंगलवार व शुक्रवार को जनता दरबार का आयोजन किया जाता है। उसी के निमित्त आज निदेशक, डीआरडीए, दिनेश सुरीन के कार्यालय प्रकोष्ठ में जनता दरबार का आयोजन किया गया। इसमें जिले के विभिन्न क्षेत्रों से पहुंचे ग्रामीणों ने अपनी समस्याओं को उनके समक्ष रखते हुए समाधान की गुहार लगाई।
सर्वप्रथम जनता दरबार में ग्राम- सिसरी, थाना- खरौंधी निवासी कलावती देवी ने पदाधिकारी को अपनी समस्या से अवगत कराते हुए कहा कि मैं एक गरीब आदिवासी महिला हूं। मेरी मां लाली खरवारिन के नाम से ग्राम- चंदनी थाना/ अंचल- खरौंधी में बंदोबस्ती से भूमि प्राप्त हुआ है। जिसका सरकारी रसीद कट रहा है। बंदोबस्तीधारी लाली खरवारिन कि मैं एकमात्र संतान हूं तथा मायके में ही रह कर अपना जीवन- यापन करती हूं।
मेरे बंदोबस्ती वाली भूमि पर जबरदस्ती कुछ लोगों के द्वारा कब्जा किया जा रहा है। उन्होंने पदाधिकारी से उनकी बंदोबस्ती भूमि का सीमांकन अंचल कार्यालय से करा कर उसका दखल कब्जा दिलाने हेतु अनुरोध किया। जनता दरबार में अगला आवेदन ग्राम- करकट्टा ,पोस्ट- जोगा, प्रखंड/थाना- उंटारी, जिला- पलामू निवासी श्याम किशोर कुशवाहा ने दिया। उन्होंने कहा कि मैं नये चापाकल के अधिष्ठापन (बोरवेल) का कार्य करता हूं। मझिआंव प्रखंड के सोनपुरवा पंचायत में मुखिया एवं पंचायत सचिव के कार्यादेश के आलोक में मैंने 6 स्थलों पर नए चापाकल का अधिष्ठापन का कार्य दिनांक 28-02- 2020 को पूर्ण कर दिया है, परंतु अभी तक मेरा भुगतान नहीं हो पाया है। जिन पंचायत सेवक द्वारा मुझे कार्यादेश दिया गया था उनका देहांत हो गया है।
वर्तमान पंचायत सचिव से भुगतान के विषय में पूछे जाने टालमटोल किया जा रहा है जबकि वर्तमान मुखिया चापाकल का भुगतान करने हेतु तैयार हैं। उन्होंने पदाधिकारी से निवेदन करते हुए कहा कि मैं 1 वर्ष से परेशान हूं कृपया मुखिया व पंचायत सचिव को अपने स्तर से भुगतान करने हेतु निर्देश दिया जाए।
जनता दरबार में अगली फरियादी ग्राम- नवाडीह, पोस्ट- रंका बौलिया निवासी शांति कुमार ने अपनी समस्या बताते हुए कहा कि मेरे पति के द्वारा वनांचल ग्रामीण बैंक डुमरिया से 50,000 रुपए केसीसी लोन के रूप में लिया गया था, इसके बाद मेरे पति की दिनांक 5-11- 2018 को मृत्यु हो गई। बैंक में केसीसी लोन माफी हेतु अनुरोध करने पर बैंक कर्मियों द्वारा यह कहकर कि जिस व्यक्ति के द्वारा लोन लिया गया है उसके अंगूठे के निशान लगाने के उपरांत ही लोन माफी की जाएगी, मुझे बैंक से लौटा दिया जाता है।
उन्होंने पदाधिकारी से अपनी समस्या का समाधान का अनुरोध किया।
जनता दरबार में कुल 7 आवेदन आए जिन्हें निदेशक डीआरडीए दिनेश सुरीन ने संबंधित पदाधिकारियों को अग्रसरित करते हुए जल्द से जल्द उसके निष्पादन का निर्देश दिया।