मेराल : प्रखंड के गेरुआ पंचायत के कार्य मुक्त किए गये मुखिया रंजीता देवी को सोमवार को मिला मुखिया का संपूर्ण प्रभार। मुखिया का पद भार ग्रहण करने को लेकर उपायुक्त गढ़वा के ज्ञापांक 868 दिनांक 14 दिसंबर 2020 को उपायुक्त गढ़वा के द्वारा प्रखंड विकास पदाधिकारी मेराल, प्रभारी मुखिया उप मुखिया दुखनी देवी, एवं मुखिया रंजीता देवी को मुखिया का पदभार ग्रहण करने के लिए आदेशपत्र निर्गत किया गया था। जिस आदेश के आलोक में प्रखंड विकास पदाधिकारी मेराल के ज्ञापांक 2572 दिनांक 14 दिसंबर 2020 के आदेशानुसार बीडीओ गौतम कुमार ने उप मुखिया दुखनी देवी से मुखिया पद का प्रभार वापस लेते हुए मुखिया रंजीता देवी को संपूर्ण वित्तीय प्रभार सहित मुखिया का प्रभार वापस दिया।
विदित हो कि माननीय लोकायुक्त झारखंड रांची द्वारा पारित आदेश के अनुपालन में विभाग द्वारा फरवरी 2020 में सरकारी राशि के दुरुपयोग का आरोप लगाकर मुखिया पद से निलंबित कर संपूर्ण प्रभार उप मुखिया को देने का आदेश निर्गत किया था। तब से उपमुखिया दुखनी देवी मुखिया के प्रभार में थी। जबकि मुखिया रंजीता देवी द्वारा निहित प्रावधानों से सरकार से जांच दल द्वारा पुनः जांच कर न्याय दिलाने की मांग की थी। जिसके आलोक में सरकार द्वारा गठित जांच दल द्वारा मुखिया रंजीता देवी द्वारा कराए गए सभी कार्य को कार्यस्थल पर भौतिक सत्यता को पाते हुए सरकारी राशि का गबन नहीं करने की बात पायी। बल्कि सरकारी राशि से धरातल पर किए गए कार्य को सही पाते हुए मुखिया रंजीता देवी का संपूर्ण प्रभार वापस दिलाने का अनुमोदन किया।
जिसके आलोक मुखिया रंजीता देवी को निर्दोष पाते हुए सभी वित्तीय शक्ति सहित मुखिया का प्रभार वापस दिलाया गया।