हर बार बदलता रहा आरक्षण
गढ़वा : झारखंड राज्य में पंचायत के तीन आम चुनावों के दौरान चुने गए कांडी के 4 प्रखंड प्रमुखों में से केवल एक प्रमुख ने अपना पूरा व एक ने उनको मिले आधा कार्यकाल को पूरा किया। जबकि दो प्रमुखों को बीच में ही अपने पद से हटना पड़ा। मालूम हो कि पंचायती राज कानून लागू होने के बाद झारखंड में वर्ष 2010 में पंचायत का पहला आम चुनाव कराया गया था। उस चुनाव में कांडी प्रखंड के 13 पंचायतों से चुने गए 16 पंचायत समिति सदस्यों ने अपने बीच से गोसांग गांव निवासी सीता देवी को प्रखंड प्रमुख चुना था। जिन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया। जबकि 2015 में हुए दूसरे आम चुनाव में सेमौरा गांव निवासी ज्ञान्ती देवी प्रखंड प्रमुख चुनी गईं।
लेकिन उनके प्रतिद्वंदी नीतू पांडेय ने ज्ञांती देवी के चुनाव को गढ़वा जिला के उपायुक्त के यहां चुनौती दे दी। प्रखंड प्रमुख के लिए हुए मतदान की जांच के दौरान ज्ञान्ती देवी के चुनाव को निरस्त करते हुए नीतू पांडेय को प्रखंड प्रमुख निर्वाचित घोषित किया गया। इस प्रकार ज्ञान्ती देवी अपना आधा कार्यकाल ही पूरा कर सकीं। जबकि कोरोना संकट के कारण 2020 में होने वाला चुनाव 2022 के मई महीने में पंचायत का तीसरा आम चुनाव कराया गया। इससे पहले भवनाथपुर विधानसभा क्षेत्र के तीन ग्राम पंचायतों को कांडी प्रखंड में शामिल कर दिया गया। इस तरह से अब कांडी प्रखंड में पंचायत समिति सदस्यों की संख्या 16 से बढ़कर 21 हो गई। तीसरे आम चुनाव के दौरान पूर्व प्रमुख नीतू पांडेय के पति सत्येंद्र कुमार पांडेय उर्फ पिंकू पांडेय ने प्रमुख के चुनाव में बाजी मारी।
लेकिन 2 वर्ष 8 महीने के बाद 7 पंचायत समिति सदस्यों ने प्रखंड प्रमुख सह प्रदेश प्रमुख संघ के राज्याध्यक्ष सत्येंद्र कुमार पांडेय उर्फ पिंकू पांडेय के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दे दिया। जिसे प्रखंड विकास पदाधिकारी राकेश सहाय ने अग्रेतर कार्रवाई के लिए सदर अनुमंडल पदाधिकारी संजय कुमार के पास अग्रसारित कर दिया। एसडीओ के द्वारा अविश्वास प्रस्ताव पर विचार एवं आवश्यक होने पर मतदान के लिए 18 जनवरी की तारीख तय की गई। इस दौरान अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 16 पंचायत समिति सदस्य एवं विश्रामपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक नरेश प्रसाद सिंह एवं भवनाथपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक अनंत प्रताप देव उपस्थित हुए। जबकि प्रखंड प्रमुख पिंकू पांडेय सहित उनके समर्थन में कोई भी पंचायत समिति सदस्य चुनाव में उपस्थित नहीं हुआ।
इस प्रकार 18 - 0 से अविश्वास प्रस्ताव पारित घोषित कर दिया गया। इस तरह से पंचायत के तीसरे आम चुनाव में कांडी प्रखंड से चुने गए चौथे प्रखंड प्रमुख भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके। अब प्रमुख पद के लिए निर्वाची पदाधिकारी अनुमंडल पदाधिकारी सदर के द्वारा चुनाव आयोग के हवाले से अगले प्रमुख के चुनाव की तिथि की घोषणा की जाएगी एवं 20 पंचायत समिति सदस्यों के बीच से प्रमुख पद की उम्मीदवारी और उसके लिए मतदान किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि मझिगावां पंचायत से एक पंचायत समिति सदस्य का निधन हो जाने के कारण 21 में से 20 पंचायत समिति सदस्य ही शेष बचे हैं। जो 3 चुनावों के दौरान ही पांचवें प्रमुख के चुनाव में भाग लेंगे।
तीन आम चुनावों में कांडी में हर बार प्रमुख का बदलता रहा आरक्षण :
देश में पंचायती राज कानून लागू होने के बहुत देर बाद झारखंड राज्य में अब तक ग्राम पंचायत के तीन आम चुनाव कराए गए हैं।
इस दौरान कांडी प्रखंड में हर बार आरक्षण की सूरत बदलती रही। गढ़वा जिला के कांडी प्रखंड में अब तक संपन्न पंचायत के तीन आम चुनावों में चार प्रखंड प्रमुख चुने जा चुके हैं। जबकि तीनों चुनाव में अलग अलग कोटि का आरक्षण दिया गया है। पंचायती राज कानून लागू होने के बाद झारखंड में सबसे पहले 2010 में पंचायत के आम चुनाव कराए गए थे। इस बार कांडी प्रखंड में अनुसूचित जाति महिला के लिए प्रमुख का पद आरक्षित था। इस दौरान प्रखंड क्षेत्र के 13 पंचायतों के 16 पंचायत समिति सदस्यों ने अनुसूचित जाति की महिला खुटहेरिया पंचायत के गोसांग गांव निवासी सीता देवी को प्रखंड प्रमुख चुना। पंचायतों का दूसरा चुनाव 2015 में संपन्न हुआ। इस बार प्रमुख का पद अनारक्षित अन्य महिला के लिए रिजर्व कर दिया गया।
इस चुनाव में सरकोनी पंचायत के सेमौरा गांव निवासी पिछड़ी जाति की महिला ज्ञान्ती देवी बतौर प्रमुख चुनी गईं। लेकिन उनकी प्रतिद्वंद्वी सामान्य कोटे की महिला बलियारी पंचायत की भिलमा गांव की नीतू पांडेय ने ज्ञांती देवी के चुनाव को निर्वाचन पदाधिकारी की अदालत में चुनौती दे दी। प्रमुख के चुनाव के दौरान किए गए मतदान की जांच के उपरांत ज्ञान्ती देवी का चुनाव एक मत से निरस्त कर दिया गया। इधर अनारक्षित अन्य महिला के लिए सीट आरक्षित होने के कारण सामान्य कोटे की महिला नीतू पांडेय को बतौर प्रमुख निर्वाचित घोषित कर दिया गया। जबकि 2022 के मई महीने में संपन्न पंचायत के तीसरे आम चुनाव में कांडी प्रखंड के लिए प्रमुख के पद को अनारक्षित अन्य के लिए खोल दिया गया।
इस दौरान प्रखंड की तीसरी प्रमुख नीतू पांडेय के पति और प्रतिनिधि सत्येंद्र कुमार पांडेय उर्फ पिंकू पांडेय प्रमुख के रूप में निर्वाचित घोषित कर दिए गए। लेकिन वह भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके। दो वर्ष 8 माह के बाद उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित हो जाने के कारण उनकी कुर्सी जाती रही। अब तीसरी आम चुनाव की बीत रही अवधि के बीच ही तीन चुनाव में पांचवें प्रमुख का निकट भविष्य में ही चुनाव संपन्न होगा।