गढ़वा : शरद महोत्सव के तीसरे और चौथे दिन बच्चों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करते हुए फैंसी ड्रेस, नृत्य और अंग्रेजी कविता पाठ की प्रतियोगिताएं संपन्न कीं। नृत्य में क्षेत्रीय विविधता की छटा: बच्चों ने भारत के विभिन्न भाषाई और सांस्कृतिक क्षेत्रों को केंद्र में रखते हुए नृत्य प्रस्तुत किए। गानों के चयन में क्षेत्रीय विविधता को प्राथमिकता दी गई, जिससे देश के विभिन्न भागों की सांस्कृतिक धरोहर झलकती रही।
फैंसी ड्रेस: सांस्कृतिक विरासत का परिचय: फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता में बच्चों ने भारत के विभिन्न राज्यों की पारंपरिक वेशभूषा धारण की और उन प्रदेशों की सांस्कृतिक धरोहर पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
इस अवसर पर प्रसिद्ध प्रसाधक श्रीमती स्वीटी सिंह ने कहा कि फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता केवल पोशाक पहनने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह बच्चों और उनके अभिभावकों की कल्पना शक्ति और सृजनात्मकता का उत्कृष्ट उदाहरण है।
कविता पाठ में अभिव्यक्ति का प्रदर्शन: अंग्रेजी कविता पाठ प्रतियोगिता में बच्चों ने अपनी उत्कृष्ट अभिव्यक्ति शैली और आत्मविश्वास का प्रदर्शन किया, जो दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर गया। महोत्सव ने बच्चों को न केवल अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर दिया, बल्कि भारतीय संस्कृति और विविधता के प्रति उनके जुड़ाव को भी सुदृढ़ किया।