गढ़वा : पलामू लोकसभा क्षेत्र वैसे तो बीजेपी का गढ़ माना जाता है और बीजेपी भी झारखण्ड में पलामू को अपना सबसे सुरक्षित सीट मनाती है। पलामू पर बीजेपी का और बीजेपी पर पलामू का विश्वास 90 के दशक से है।
2004 से 2009 के बीच पलामू ने यूपीए के प्रत्याशी को जिताया जिसमें मनोज भुइँया, घूरन राम और कामेश्वर बैठा का नाम आता है। इन तीनों में से मनोज भुइँया और कामेश्वर बैठा की राजनीतिक सक्रियता आज लगभग शून्य है, हालांकि कामेश्वर बैठा यदा-कदा नजर आ जाते हैं। वहीं घुरन राम ने अपने आप को राजनीतिक रूप से जीवंत बना रखा है। राजनीतिक रूप से एक बड़ा आधार वोट रखते हैं और इस चुनावों में बीजेपी के टिकट प्रबल दावेदार भी थे, पर निवर्तमान सांसद बीडी राम ने फिर बाजी मार लिया।
बावजूद घुरन राम बिना विचलित हुए चुनावों में ऐसे लगे हैं जैसे वे खुद प्रत्याशी हों। क्षेत्र में समग्र समाज के बीच उनका पहुंच परिचय और विश्वसनीयता वर्तमान प्रत्याशी बीडी राम से काफी व्यापक है और उसका सीधा लाभ बीडी राम और बीजेपी को भरपूर मिल रहा है।
जहाँ तक बीजेपी का स्वभाव है कि ऐसे कार्यकर्ताओं का विशेष ध्यान रखती है जो स्वहित से ऊपर पार्टी हित को रख कर कार्य करते हैं। जहाँ तक लगता है घुरन राम की इस सकारात्मकता का बीजेपी नेतृत्व जरूर भविष्य में ध्यान रखेगी।
दूसरा फैक्टर बीजेपी के क्षेत्रीय नेतृत्व का है, कल तक बीजेपी खेमों में बटी नजर आ रही थी, पर एक बार जब ये निश्चित हो गया कि विष्णु दयाल राम ही बीजेपी के प्रत्याशी होंगे उसके बाद पूरी भाजपा एक दूसरे में घुलकर एक हो गई।
भाजपा को एक सूत्र में पिरोने में भाजपा नेता और गढ़वा विधानसभा के पूर्व विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी को विशेष रूप से जाता है। आज की स्थिति में पलामू संसदीय क्षेत्र में भाजपा मजबूती से एकजुट दिख रही है।
मोदी की गारंटी के सुरक्षा कवच से आच्छादित पलाश के फूलों का क्षेत्र पलामू कमल फूल के लिए वह अभेद्य दुर्ग बन गया है जहां निश्चित जीत के साथ बीजेपी अपनी जीत के अन्तर को और बड़ा बनाने को आतुर है। जीत का सम्भावित अन्तर कितना बड़ा होगा ये इस बात पर निर्भर करता है कि बीजेपी कार्यकर्ता मतदाता को कितनी संख्या में निकालकर बूथ तक ला पाते हैं।
बीजेपी भी शायद इस बात को अच्छी तरह से समझ रही है, इसलिए उसका फोकस भी इस बात पर ज्यादा है कि ज्यादा से ज्यादा लोग वोट के लिए निकले और सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बीजेपी ने इसके लिए व्यापक रूप से तैयारी किया हुआ है।
वैसे भविष्य के गर्भ में क्या है कोई नहीं जानता।