गढ़वा :
परम आदरणीय दिशोम गुरू शिबू सोरेन का जन्म 11 जनवरी 1944 ई0 में गोला प्रखण्ड अन्तर्गत ग्राम-नेमरा, जिला-रामगढ, झारखण्ड में एक साधारण परिवार में हुआ था। इनका माता का नाम- सोना सोरेन एवं पिता का नाम- सोबरन सोरेन था, 12 वर्ष के उम्र में ही इनके पिता सोबरन सोरेन की हत्या कर दिया गया था
क्योंकि महाजनी प्रथा के विरोधी इनके पिता थे एवं महाजनी प्रथा से आम-जन काफी परेशान रहा करते थे। दिशोम गुरू शिबू सोरेन ने महाजनी प्रथा को समाप्त करने के लिए आन्दोलन में कुद गये एवं कभी पीछे मुड कर भी नहीं देखे इनका सरण स्थल पारसनाथ पहाड़ी था, वही से आन्दोलन चलता था। धीरे-धीरे आन्दोलन का असर हुआ की पुरी तरह से गरीब असहाय लोग महाजनी प्रथा से मुक्ति पाये एवं वृहद झारखण्ड निर्माण के लिए आन्दोलन में कुछ पड़े सैकड़ों लोगों ने अलग राज्य के लिए अपनी कुर्बानी दी, तब जाकर स्वशाहीत परिसद का गठन हुआ।
जिसका अध्यक्ष दिशोम गुरू श्री शिबू सोरेन बनें एवं 15 नवम्बर 2000 को झारखण्ड अलग राज्य हम लोगों को मिला। आज हम झारखण्ड वासियों को दिशोम गुरू श्री शिबू सोरेन जी का 79वां जन्म दिन मनाने का अवसर मिला है, इस अवसर से झारखण्ड राज्य की जनता काफी उत्साहित है तथा इनके जन्म दिवस पर फल वितरण, कंबल वितरण, बल्ड डोनेट तथा मंदिरों में हवन पूजा का कार्यक्रम कर खुशियां मना रहे हैं। झारखण्ड मुक्ति मोर्चा जिला कमिटि गढ़वा द्वारा परम आदरणीय दिशोम गुरू श्री शिबू सोरेन जी का 79वां जन्म दिवस आज माननीय मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर जी के आवास पर मनाया गया। आज जन्म दिन के अवसर पर जिला अध्यक्ष तनवीर आलम खान, जिला सचिव मनोज ठाकुर, नीतेश सिंह, जिला 20 सूत्री उपाध्यक्ष, परेश तिवारी, निर्मल पासवान, शम्भू चन्द्रवंशी, सत्यनारायण यादव, फुजैल अहमद, कंचन साहू, धीरज दूबे, शरीफ अंसारी, अरविन्द यादव, कामेश्वर चैधरी, अनीता दत, विकास सिंह कुशवाहा, आलमगीर आलम, गुड्डू सिद्दीकी, मुमताज अंसारी, विनोद चन्द्रवंशी, फैजुल अंसारी, भीखम चन्द्रवंशी, संजय सिंह उर्फ छोठू, फखरे आलम खाँ, शीला तिवारी, ओमप्रकाश गुप्ता, अरविन्द पटवा, अमृत शुक्ला, जितेन्द्र दूबे, अभिषेक दूबे, तहजीब खाँ, जमीला बीबी, मुन्ना तिवारी, राजेन्द्र पाण्डेय, दिनेश दूबे, भोलू अंसारी, जमील अहमद, रजनीगंधा, सोनी देवी, अहमद अली, आशुतोष कुमार पाण्डेय, राजा सिंह, विवेक सिंह, अमित सिंह, चंदन पासवान, नवीन तिवारी, कौस्तुब, सुरज चन्द्रवंशी, सद्दाम अंसारी, नुरूलहोदा एवं सैकडों कार्यकर्ता उपस्थित थे।