मझिआंव :
छठ महापर्व चार दिवसीय चलने वाला पर्व नहाए खाए से शुरू हो गया है। जो शनिवार को छोटकी लोहड़ यानि डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देंगी ब्रतधारी , तथा रात्री में खरना करेंगे , एवं रविवार दिन रात भुखे निर्जला उपवास के बाद सोमवार उगते सूर्य को अर्घ्य देकर यह महा पवॅ संपन्न होगा।
जिसके लिए लगभग नपं क्षेत्र के डेढ़ दर्जन छठ घाटो पर एक सप्ताह पहले से नपं के कायॅ पालक पदाधिकारी निकिता बाला के द्वारा रात दिन एक कर जेसीबी ट्रैक्टर एवं मजदूरों के द्वारा साफ सफाई कराई गई थी।
तथा कुछ समाज सेवी के द्वारा भी इसमें बढ़-चढ़कर भाग ले रहे हैं। मां काली पूजा महोत्सव के काली सेना के अध्यक्ष विरेंद्र प्रसाद, संरक्षक मारुति नंदन सोनी नीरज कमलापुरी सूचित कमलापुरी काकू जायसवाल मनोज जायसवाल मनोज कमलापुरी खुशी जैस्वाल दिनेश सोनी सहित अन्य युवकों के द्वारा छठ व्रत धारियों को प्रसाद एवं आम का लकड़ी वितरण किया गया।
इधर बाजार में छठ में उपयोग आने वाले सामग्रियों का दुकान जैसे:बांस का बना सूप प्रति पीस 125 -दौरा एक हरी 250, दोहरी दौरा 400रूपय, बेना 25रुपय, एवं मिट्टी के बने दीया एक सौ रुपए सैकड़ा, -ढकनी 50रूपये प्रति जोड़ा, गुड़ ₹50 किलो, किशमिश ₹250 किलो, छुहाड़ा ₹300 किलो ,गड़ी ₹250 किलो , रीफाईन 150रुपय किलो,सरसों तेल 160रूपय किलो,गाय का घी ₹1000 किलो, कदु40 से ₹50 किलो, मुली ₹20-30रूपये किलो ,अनायास 30- 40 प्रति पीस, सेव 70 से ₹150रूपये किलो,केला 50-60रुपय दर्जन,पानी नारीयल प्रति पीस 20-50रूपये छोटा -बड़ा के हिसाब से,अंगूर 280रूपय किलों,ईबी 40रुपय पिससहित अन्य पुजा सामग्री आसमान छु रही है।फिर भी लोग आस्था का महान पर्व छठ को श्रद्धा भक्ति से कर रहे हैं।