गढ़वा : प्रखंड के अंतर्गत पंचायत दुबे मरहटीया वार्ड नं 11 बरवाही टोला में हाथी का दाँत साबित हो रहा है जलमीनार।
दुबे मरहटीया के मुखिया सफीदा बीवी द्वारा जलमीनार लगवाया गया था लगने के बाद कुछ ही दिनों तक चला। अभी लगभग 10 माह से जल मीनार बंद पड़ा है। अभी गर्मी की शुरुआत हो चुकी है। वहां के ग्रामीण अभी से ही पानी की किल्लत महसूस कर रहे हैं। वार्ड नंबर 11 बरवाही टोला में लगभग दो से तीन सौ व्यक्ति इस इकलौते चापाकल पर निर्भर हैं। वहां के ग्रामीणों का हालात तो ऐसा हो गया है कि पानी के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हैं। सरकार के इस अनोखी योजना का सराहना तो ग्रामीण शुरू में बड़े मन से ही कर रहे थे कि अब हम लोगों को पानी बहुत ही आसानी से उपलब्ध हो जाएगा, लेकिन ना तो जलमीनार को बनाने में प्रशासन का ध्यान है और ना ही स्थानीय मुखिया का।
चापाकल भी बंद पड़ा है। जल मीनार के चलते चापाकल में पानी बहुत ही नीचे जा चुका है। बहुत ही चलाने के बाद थोड़ा बहुत पानी आता है।
आसपास के ग्रामीणों का कहना है कि हम लोग थक हार कर निराश हो गए हैं। कोई पूछने वाला नहीं है। यह टोला आदिवासी बहुल है, फिर भी मूलभूत सुविधाओं से कोसों दूर है। ग्रामीणों में बंसी उराव मुकेश उराव पिंटू उराव भरदुल उरांव अशोक उरांव तेजू उरांव आदि लोग मौजूद थे।