विकास कार्यों से ही बदलेगी पलामू की तस्वीर: आयुक्त
सुदृढ़ विधि व्यवस्था ही है विकास की उत्प्रेरक
धारित विकास के लिए जनसहयोग को दें प्राथमिकता
गढ़वा : सुदृढ़ विधि व्यवस्था से विकास को गति मिलती है। स्थानीय जनसहयोग से अभियान के तौर पर विकास योजनाओं को लिया जाना चाहिए, ताकि तरक्की में सबों की सहभागिता रहे। शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि एवं अन्य प्राथमिक क्षेत्र, उद्यम विकास, स्वालंबन के कार्यो एवं अन्य कल्याणकारी कार्यक्रमों में आमलोगों की सहभागिता से अच्छे परिणाम निश्चित रूप से आयेंगे। पलामू प्रमंडल के जिलों में स्थानीय जरूरतों के मुताबिक, प्राथमिकताओं को तय करते हुए छोटे-छोटे कलस्टरों में अलग-अलग विकास के मॉडल विकसित किए जायें।
मिशन मोड में इस काम को करने से अवश्य ही अच्छे परिणाम आएंगे, खासकर युवाओं में आत्मविश्वास जगेगा। यही आत्मविश्वास विकास को नया आयाम देगा। पलामू के आयुक्त श्री जटाशंकर चौधरी ने आरक्षी उप महानिरीक्षक पलामू रेंज राजकुमार लकड़ा के साथ प्रमंडल के सभी जिलों के उपायुक्त, आरक्षी अधीक्षक, उप विकास आयुक्त एवं अन्य वरीय अधिकारियों के साथ प्रमंडल स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपरोक्त बातें कहीं।
उन्होंने कहा कि एक सर्वेक्षण के अनुसार पलामू एवं गढ़वा जिले की पारिस्थितिकी रसदार फलों के अनुकूल है। पूर्व में इसपर काम भी हो चुका है। उन्होंने महाराष्ट्र का उदाहरण देते हुए कहा कि कुछ खास प्रजाति के रसदार फलों की खेती से कम समय में ही किसानों को नकद फायदा संभव है।
इस संबंध में प्रमंडल के सभी उपायुक्तों को आवश्यक अपेक्षित सूचनाएं सुलभ करा दी जायेगी, ताकि रसदार फलों के छोटे-छोटे कलस्टर विकसित किए जायें। इसी प्रकार पुलिस के सहयोग से खेल विभाग एवं अन्य संस्थाओं के द्वारा प्रतिभाशाली खिलाड़ियों/टीमों का चयन कर किशोरों एवं युवाओं के मनोबल को बढ़ाने का प्रयास किया जाए। इससे खेल प्रतिभाओं को कुंठाग्रस्त होने से बचाया जा सके और उनकी प्रतिभा को नया आयाम मिले, ताकि वे खेलों में राज्य का नाम रोशन कर सकें।
उन्होंने कृषि कार्य को बढ़ावा देने पर बल देते हुए मल्टी लेयर फॉर्मिंग कराने, मनरेगा के तहत विभिन्न इंडिकेटर्स को फोकस कर कार्यो में गति देने की बातें कही। उन्होंने कहा कि सिंचाई को ध्यान में रखते हुए मनरेगा योजना में टीसीबी, मेढ़बंदी, डोभा आदि योजना लेने से किसानों को फायदा होगा।
उन्होंने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से विघार्थियों को फायदा होगा। एकलव्य विघालयों एवं आश्रम विघालयों को क्रियाशील करने की बातें कही। उन्होंने कहा कि
प्रमंडल क्षेत्र में दलहनी खेती अरहर, मसूर, कुलथी आदि को बढ़ावा देने से किसानों को फायदा होगा।साथ ही दाल की प्रोसेसिंग, मूल्य संवर्धन, पैकेजिंग एवं मार्केट लिकिंग जरूरी है। यहां दाल का बड़ा सेंटर बन सकता है। उन्होंने अपलैंड में कुलथी एवं तील का फसल लगवाने के लिए किसानों को जागरूक करने पर बल दिया। इससे किसानों की आर्थिक आमदनी भी बढ़ेगी।
आयुक्त ने कोविड-19 की एहतियायत बरतने के लिए गाईडलाइन का अनुपालन कराने एवं कोविड-19 के एक्टिव केसो को शून्य रखने के लिए जांच का दायरा बढ़ाने एवं वैक्सिनेशन की प्रगति करने की बातें कही।
इसके अलावा मुख्यमंत्री पशुधन योजना, प्रधानमंत्री आवास, मनरेगा, अंबेडकर आवास सांसद आदर्श ग्राम, नीलांबर-पीतांबर जल समृद्धि योजना, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, मुख्यमंत्री सुकन्या योजना, म्यूटेशन आदि विभिन्न योजनाओं एवं
कार्यक्रमों के प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों में गति लाकर पूर्ण करने से आमलोग लाभान्वित होंगे। उन्होंने कहा कि विधि व्यवस्था सुदृढ़ रहने से भयमुक्त वातावरण बनेगा।
बैठक में पलामू उपायुक्त शशि रंजन, आरक्षी अधीक्षक संजीव कुमार, गढ़वा उपायुक्त राजेश कुमार पाठक, गढ़वा आरक्षी अधीक्षक श्रीकांत एस खोत्रे, लातेहार के आरक्षी अधीक्षक प्रशांत आनंद, पलामू के प्रशिक्षु आईएएस दिलीप प्रताप सिंह शेखावत, लातेहार के अपर समाहर्ता आलोक शिकारी कच्छप, पलामू के उप विकास आयुक्त शेखर जमुआर, गढ़वा के उप विकास आयुक्त सत्येंद्र नारायण उपाध्याय एवं लातेहार के उप विकास आयुक्त सुरेन्द्र वर्मा सहित अन्य वरीय पदाधिकारी उपस्थित थे।