बंशीधर नगर : पूर्ववर्ती सरकार के द्वारा राज्य में लागू किए गए स्थानीय नीति के खिलाफ झारखंड उच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत करता हूं, कि उच्च न्यायालय ने पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास द्वारा लागू किया गए उस नीति को निरस्त कर मेरे आंदोलन को सही करार दिया है। यह बातें इंटक के राष्ट्रीय संगठन मंत्री कन्हैया चौबे ने मंगलवार को बातचीत करते हुए कही। चौबे ने कहा कि भाजपा के रघुवर दास सरकार द्वारा वर्ष 2016 में जो स्थानीय नीति राज्य में लागू किया गया था, उसके विरोध में झामुमो में रहते हुए मैंने 12 अप्रैल से लेकर 16 मई 2016 तक भवनाथपुर विधानसभा क्षेत्र से लेकर जिला मुख्यालय गढ़वा तक जोरदार आंदोलन किया था। आंदोलन के दौरान हम सबों को गिरफ्तार कर थाने में भी रखा गया था।
बावजूद आंदोलन से मैं पीछे नहीं हटा और लगातार स्थानीय नीति के खिलाफ संघर्ष करते रहा। संघर्ष का परिणाम है कि झारखंड उच्च न्यायालय ने पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के स्थानीय नीति को निरस्त कर दिया। रघुवर दास के स्थानीय नीति में कई खामियां थी। गैर अनुसूचित जाति जिले के लोग अनुसूचित जाति के जिले में नौकरी के लिए आवेदन नहीं कर सकते थे। पर झारखंड उच्च न्यायालय ने त्रुटिपूर्ण स्थानीय नीति को निरस्त कर हर पढ़े-लिखे बेरोजगार नौजवानों को नौकरी के लिए किसी भी जिले में आवेदन करने की पूरी छूट दे दी है, जो बहुत बड़ी उपलब्धि है।