गढ़वा : जिले में सितंबर माह, पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है। उसी के निमित्त जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में प्रतिदिन पोषण संबंधित गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। इसी क्रम में आज जिले के धुरकी प्रखंड अंतर्गत धुरकी परियोजना व नगर उंटारी प्रखंड अंतर्गत नगर उंटारी परियोजना समेत अन्य जगहों पर पोषण पर चर्चा कार्यक्रम का आयोजन, सुखा राशन वितरण, आंगनबाड़ी केंद्रों के आसपास फलदार पौधौ का रोपण एवं बच्चों का वजन मापन किया गया। इसके साथ ही धुरकी प्रखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में पोषण रथ ने भ्रमण पर लोगों को पोषण के प्रति जागरूक किया। विदित हो कि पोषण रथ के माध्यम से सुदूर क्षेत्रों में अवस्थित गांवों में लोगो को पोषण एवं पोषण पंचसूत्र के बारे में जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है।
पोषण पर चर्चा कार्यक्रम के दौरान सेविका व सहायिकाओं के द्वारा लोगों को पोषण के 5 सूत्र के विषय में बताया गया। वे बताती हैं कि पांच सूत्रों में पहले सूत्र के अंतर्गत गर्भवती माता के पहले सुनहरे एक हजार दिन के दौरान उचित स्वास्थ्य, पर्याप्त पोषण, प्यार भरा व तनाव मुक्त माहौल तथा सही देखभाल की जानी चाहिए। वहीं दूसरे सूत्र में पौष्टिक आहार खाने की सलाह दी गई, जिसमे सभी उम्र के लोगों के साथ-साथ बच्चे के छह माह होने पर पर्याप्त मात्रा में तरह-तरह के आहार खिलाने, विभिन्न तरह के खाद्य पदार्थ जैसे- रोटी/चावल, पीली व काली दालें, हरी पत्तेदार सब्जी (पालक, मेथी, चौलाई, सरसों) पीले फल जैसे आम व पका पपीता खाने की सलाह दी गई, मांसाहारी अंडा/मांस/मछली का सेवन कर सकते हैं।
उन्होंने बच्चों को आंगनबाड़ी से मिलनेवाला पोषाहार खिलाने की बात कही तथा कहा कि जब बच्चा छह माह का हो जाय तो मां के दूध के साथ घर का बना हुआ उपरी आहार भी देना शूरू करना चाहिए। बच्चों के खाने में उपर से एक चम्मच घी, तेल या मक्खन मिलायें व खाने में नमक, चीनी या मसाला कम डालें। तीसरे सूत्र मे एनीमिया से रोकथाम के लिए आयरन युक्त आहार जैसे कि दालें, हरी पत्तेदार सब्यिां, पालक, मेथी, सरसों, फल, दूध, दही, पनीर आदि खाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि खाने में खट्टे फल भी शामिल करें। इसके साथ ही चौथे सूत्र में डायरिया से रोकथाम के तरीके बताये गए वही पांचवें सूत्र के अंतर्गत स्वच्छता और साफ-सफाई अपनाने पर जोर दिया गया।