गढ़वा : भाजपा जिला मीडिया प्रभारी रितेश चौबे ने झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। उन्होंने गढ़वा सदर अस्पताल को "मौत का कुआं" करार देते हुए कहा कि यह अस्पताल अब केवल "रेफर अस्पताल" बनकर रह गया है। चौबे ने कहा कि सदर अस्पताल में डॉक्टरों, दवाओं और जांच सुविधाओं की भारी कमी है, जिससे मरीजों और उनके परिजनों को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।
रितेश चौबे ने कहा कि कोरोना काल में केंद्र सरकार द्वारा भेजे गए वेंटिलेटर अभी तक बिना तकनीशियन के अनुपयोगी पड़े हैं। यह झामुमो सरकार की विफलता को उजागर करता है। उन्होंने कहा कि सरकार अपनी जिम्मेदारी निभाने में पूरी तरह असफल रही है और जनता त्राहि-त्राहि कर रही है।
अस्पताल में साफ-सफाई की हालत दयनीय है, और मरीजों को दवा और जांच के लिए बाहरी व्यवस्था पर निर्भर रहना पड़ता है।
भाजपा किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष उदय कुशवाहा ने कहा कि गढ़वा सहित पूरे जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है। गरीब और ग्रामीण इलाकों से आने वाले मरीजों को इलाज के लिए भटकना पड़ रहा है। सदर अस्पताल में मूलभूत सुविधाओं का अभाव झामुमो सरकार की जनता के प्रति उदासीनता को दर्शाता है।
श्री चौबे ने कहा कि झामुमो सरकार केवल अपनी झोली भरने में लगी है, जबकि जनता बुनियादी सुविधाओं के लिए परेशान है। उन्होंने सरकार से मांग की कि गढ़वा सदर अस्पताल में तत्काल डॉक्टरों, तकनीशियनों और दवाओं की व्यवस्था की जाए, ताकि जिले के लोग बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठा सकें।
बैठक में युवा मोर्चा महामंत्री विकास तिवारी और गोवावल मंडल अध्यक्ष विकास तिवारी सहित अन्य भाजपा कार्यकर्ताओं ने स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के समय स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार हुआ था, लेकिन वर्तमान सरकार ने इसे फिर से बदहाल कर दिया है।
भाजपा ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार नहीं हुआ तो वह आंदोलन करने से पीछे नहीं हटेगी।