हृदय रोग के कारण स्कूल नहीं जा पा रही थी बालिका, बड़ी होकर बनना चाहती है पुलिस अधिकारी
गढ़वा : ज़िले के लोकप्रिय हृदय शल्य चिकित्सक डॉ. विकास केशरी ने गढ़वा ज़िले के जाटा ग्राम निवासी राजमुनी राम की 9 वर्षीय पुत्री स्नेहा भारती की निःशुल्क ओपन हार्ट सर्जरी कर ज़िले के हृदय रोगियों के प्रति अपने स्नेह, समर्पण और मानवता का एक नया उदाहरण प्रस्तुत किया है। बालिका के माता ने बताया कि उनकी पुत्री बचपन से ही कमज़ोर थी और अक्सर उसके होठ, जीभ, हाथ-पैर की उँगलियाँ नीली पड़ जाती थीं। जब वह थोड़ी बड़ी हुई, तो थोड़ा भी चलने-फिरने पर उसकी साँस फूलने लगती थी। इस समस्या के कारण उसकी बच्ची स्कूल भी नहीं जा पा रही थी। उन्होंने आस-पास के कई झोला-छाप डॉक्टरों से संपर्क किया, परंतु किसी ने भी उनकी बेटी को हृदय से संबंधित समस्या होने की बात नहीं बताई।
कुछ दिनों पूर्व ज़िले के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. जे पी सिंह से संपर्क करने पर उन्होंने जन्मजात हृदय रोग होने की शंका जताई और हार्ट सर्जन डॉ. विकास केशरी से संपर्क करने का परामर्श दिया।
ज्ञातव्य हो कि डॉ. विकास गढ़वा के मूल निवासी हैं और नई दिल्ली के प्रतिष्ठित संस्थान एम्स से हार्ट सर्जरी का प्रशिक्षण और अनुभव प्राप्त करने के बाद विगत ८ वर्षों से निरंतर छठ घाट पर स्थित ज्ञान निकेतन स्कूल में निःशुल्क हृदय रोग जाँच शिविर का आयोजन करते आ रहे हैं। इसी निःशुल्क हृदय रोग जाँच शिविर में बालिका के माता-पिता ने पहली बार डॉ. विकास से संपर्क किया। जब डॉ. विकास ने उन्हें अपने अस्पताल में निर्धन रोगियों के लिए निःशुल्क ओपन हार्ट सर्जरी का प्रावधान होने की बात बताई, तब उन्हें आशा की एक नई किरण दिखाई दी।
इसलिए वे अपनी बेटी को नारायणा अस्पताल गुड़गाँव उपचार के लिए ले गए।
बालिका की स्थिति के बारे में बताते हुए डॉ. विकास ने कहा कि प्रथम दृष्टया यह स्पष्ट था कि बालिका टेट्रेलॉजी ऑफ़ फैलो नामक जन्मजात रोग से ग्रसित है। यह एक जटिल रोग है जिसमें रोगी के हृदय में चार दोष एक साथ पाए जाते हैं, जिनमें हृदय में छेद होना और हृदय से फेफड़े तक जाने वाली नली का संकरा होना मुख्य दोष हैं। इसके कारण बच्चे की धमनियों में ऑक्सीजन युक्त रक्त पर्याप्त मात्रा में नहीं पहुँच पाता है। बच्चे के हाथ-पैर, होठ और जीभ का नीला होना ऐसे रोग का मुख्य लक्षण है और कुछ बच्चों में इसकी तीव्रता अत्यधिक होने पर‘सायनोटिक स्पेल’की समस्या होती है, जो प्राणघातक भी सिद्ध हो सकती है।
परंतु अच्छी बात यह है कि सही समय पर किए गए सही ओपन हार्ट ऑपरेशन से यह बीमारी हमेशा के लिए ठीक हो सकती है। इसलिए उन्होंने बालिका के पिता से उसके उपचार के लिए गुरुग्राम स्थित नारायणा सुपरस्पेशियलिटी हॉस्पिटल में आने का आग्रह किया।
ज़िले के आम नागरिकों में जन्मजात रोगों के उपचार के प्रति व्यापक उदासीनता और जागरूकता के अभाव पर अपनी कुंठा व्यक्त करते हुए और बालिका के माता-पिता के विवेक और निर्णय की प्रशंसा करते हुए डॉ. विकास ने बताया कि जनसाधारण में ओपन हार्ट सर्जरी के बारे में फैली हुई कई मिथ्या भावनाओं के कारण रोगियों को उपचार के लिए सही अस्पताल तक पहुँचाना ही एक सबसे बड़ी समस्या है। आज ज़िले में कई प्रशिक्षित डॉक्टर और चिकित्सा संस्थान उपलब्ध हैं, जिनसे रोगों की जानकारी प्रारंभिक अवस्था में ही हो जाती है।
डॉ. विकास स्वयं हर माह गढ़वा में परामर्श के लिए उपलब्ध रहते हैं। उनके अस्पताल में निर्धन रोगियों के लिए निःशुल्क ओपन हार्ट सर्जरी की व्यवस्था है, ऑपरेशन से पहले की जाने वाली जाँचें भी निर्धन रोगियों के लिए लगभग सिर्फ़ दस प्रतिशत मूल्य पर उनके अस्पताल में की जाती हैं, यहाँ तक कि ज़िले और उसके आसपास के निर्धन रोगियों के उपचार के समय गुड़गाँव में प्रवास के लिए अत्यंत कम मूल्य पर कमरा दिलाने के लिए भी उन्होंने आसपास के मकान मालिकों से बात कर रखी है। ये सारे आश्वासन देने के बाद भी अधिकांश अभिभावक अपने बच्चों या रोगियों को लंबे समय तक उपचार के लिए लेकर नहीं आते। उपचार में विलंब होने के कारण कई बार रोग अत्यंत जटिल हो जाते हैं, उनका उपचार और अधिक ख़तरनाक हो जाता है और कई जन्मजात रोग तो लाइलाज भी हो जाते हैं।
इन तथ्यों की पृष्ठभूमि में एक अनपढ़ माता-पिता द्वारा अपनी बालिका का ऑपरेशन कराने का निर्णय लिया जाना एक सराहनीय कार्य है और दोनों इसके लिए साधुवाद के पात्र हैं।
हर्ष व्यक्त करते हुए बालिका की माता ने बताया कि उसकी ओपन हार्ट सर्जरी भी नारायणा हॉस्पिटल, गुड़गाँव में निःशुल्क की गई और अब ओपन हार्ट सर्जरी के बाद उनकी बेटी पूर्णतः स्वस्थ है। डॉ. विकास केशरी ने पुनः एक बार ज़िले और उसके आसपास के नागरिकों से हृदय रोगों का सही समय पर सही उपचार अविलंब करवाने की अपील की। स्नेहा के चुलबुले स्वभाव के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि उपचार के दौरान बातचीत करते हुए स्नेहा ने बताया कि वह बड़ी होकर पुलिस बनना चाहती है। उसके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए डॉ. विकास ने कहा कि उन्हें पूर्ण विश्वास है कि यह बालिका अपनी इच्छा को पूर्ण कर सकेगी और एक होनहार और कर्तव्यनिष्ठ पुलिस अधिकारी बनेगी।