बंशीधर नगर :
भ्रूण हत्या से पांच तरह के पाप लगते हैं :-जीयर स्वामी
गर्भ के बालक की हत्या नहीं करनी चाहिए। भ्रूण हत्या से वंश वध सहित पाँच तरह के दोष लगते हैं। इस तरह के कुकृत्य करने वाले वर्तमान एवं भावी दोनों जन्मों में पाप के भागी बनते हैं। मानव को सामान्य दिनचर्या में किसी का उपहास नहीं करना चाहिए, क्योंकि दूसरे पर हंसने वाला स्वयं हंसी का पात्र बन जाता है। इसमें संशय नहीं है। शास्त्र एवं समाज में इसके अनेक उदाहरण भरे पड़े हैं।
जीयर स्वामी जी ने कहा कि मानव द्वारा किए गए अपराध और अपचार का दंड उसे निश्चित रूप में भोगना पड़ता है। यह प्रकृति का शाश्वत एवं निरपवाद नियम है। यह आवश्यक नहीं कि कुकर्मों का फल तत्काल प्राप्त हो जाये।
अपराध | का प्रतिफल प्रारब्ध के कारण कुछ दिनों तक टल सकता है। लोग समझते हैं कि अमूक दुराचारी को दंड नहीं मिल रहा है। यह समझना भारी भूल है। दुनिया में यह संभव ही नहीं कि किसी के सुकर्म और दुष्कर्म का उसके अनुरूप फल प्राप्ति नहीं हो। अपराधी में कुछ दिनों के लिये चमक दिखता है, लेकिन दंड अवश्य भोगना पड़ता है। भारतीय संस्कृति में कई ऐसे मत हैं, जो ईश्वर की सत्ता में स्पष्टरूप से विश्वास नहीं करते लेकिन चार्वाक को छोड़कर कोई भी ऐसा मत नहीं है, जो कर्म सिद्धांत में विश्वास नहीं करता। जैन, बौद्ध, सीख एवं सभी कर्म सिद्धांत में विश्वास करते है। कर्म-सिद्धांत के अनुसार प्रत्येक कर्म (अच्छा या बुरा) फल उसके अनुसार होता है अच्छे कर्म का फल अच्छा होता है और बूरे कर्म का फल बुरा होता है।
कोई भी कर्म ऐसा नहीं होता, जिसका फल नहीं मिलता है। जो कर्म करेगा, वहीं उसका फल भोगेगा। कर्म-फल भोगने में नियम का उल्लंघन नहीं होता है। सभी अलौकिक व्यवस्थाएं नियमबद्ध होती हैं। वहॉ नियम का उल्लंघन नहीं होता। जब एक कर्म के फल–भोग की अवधि समाप्त होती है, तब दूसरे कर्म के फल भोग के प्रक्रिया शुरू होती है। यही कारण है कि एक के बाद एक कई निर्दोष व्यक्तियों के हत्यारे भी आराम एवं निश्चिंत का जीवन जी रहे है।
श्री स्वामी जी ने कहा कि किसी पर हंसना नहीं चाहिए। एक बार गरूड़ जी को हंसनी के प्रति कामाशक्त देख ब्रह्मा जी हंस दिये। गरूड़ जी ने कहा कि पक्षी प्रजाति की यह व्यवस्था मानवेतर है। पक्षी की काम, अभिव्यक्ति सहज होती है।
उन्होंने ब्रह्मा जी को शाप दिया कि आप हसी के पात्र बनेंगे। एक बार ब्रह्मा जी अपनी पुत्री सरस्वती के प्रति ही कामाशक्त हो गये। लोक लाज से ऐसा नहीं कर सके, लेकिन संसार में हँसी के पात्र बन गये।
स्वामी जी ने प्रणाम की महत्ता बताते हुए कहा कि प्रणाम में श्रद्धा और प्रेम झलकना चाहिये। प्रणाम से आयु, विद्या, यश और आत्मबल बढ़ता है। एक हाथ से प्रणाम वर्जित है। संत को एवं मंदिर में (शरीर स्वस्थ हो तो) दंडवत प्रणाम करना चाहिये। अन्य स्थिति में दोनों हाथ जोड़कर सिर झुकाना एवं रोगी तथा यात्री को मन में प्रणाम करना बताया गया है। माताओं को कभी भी दंडवत प्रणाम नहीं करनी चाहिये, क्योंकि माताओं को धरती में उनकी छाती स्पर्श से दोष लगता है।
माताओं के लिये पंचांग प्रणाम (ठेहुने के बल सिर झुकाना) बताया गया है। अन्य प्रणाम का कोई महत्व नहीं है। बच्चों को बाय-बाय, हाय-हाय एवं टाटा जैसे अभिवादन की शिक्षा नहीं देनी चाहिए। भगवान की मूर्ति को निहारकर उनकी छवि मन में उतारने के बाद प्रणाम करना चाहिए ताकि आँख बंद करने के बाद भी उस छवि का दर्शन हो। मंदिर में प्रवेश के साथ ही आँखें बंद नहीं करनी चाहिए। मूर्ति के दर्शन के पश्चात् आँखे बंद करनी चाहिए।
श्री बंशीधर नगर-श्री श्री ठाकुर अनुकूलचन्द्र जी के 136 वां जन्म दिवस के अवसर पर श्री श्री ठाकुर अनुकूलचन्द्र जी के अनुयायियों द्वारा जंगीपुर ग्राम स्थित सत्संग उपासना केंद्र उर्जितपा के प्रांगण में सत्संग सह भंडारा का आयोजन किया गया.सत्संग का शुभारंभ बन्देपुरुषोतम ध्वनि,शंख ध्वनि के साथ दीप प्रज्वलित कर किया गया.इसके बाद सांध्यकालीन विनती प्रार्थना,समवेत नाम जप,सत्यानु शरण पाठ,नारी नीति ग्रंथ का पाठ किया गया.सत्संग में धृतिसुन्दर लाल,माला जायसवाल, गीता देवी,अखिलेश प्रसाद द्वारा भक्ति मूलक भजन प्रस्तुत किया गया.इष्टचर्चा करते हुये ऋत्विक विजय नंदन सिन्हा ने कहा कि मनुष्य के जीवन मे दुःख रूपी आंधी आती है, तो उस समय व्यक्ति को धैर्य रखते हुये श्री श्री ठाकुर जी द्वारा प्रदत्त सतनाम का मन ही मन जाप करना चाहिये. ऐसा करने से व्यक्ति दुःख से बच जाता है.उन्होंने कहा कि धैर्य धारण करने से विपति का नाश हो जाता है.सत्संगी अखिलेश प्रसाद ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति कोई भी कर्म ईश्वर की कृपा से करता है.क्योकि ईश्वर द्वारा ही या उनके इच्छा से ही एक पता भी डोलता है.उन्होंने सत्संग की महिमा पर विस्तार से प्रकाश डाला.ऋत्विक आनन्द सिंह ने अपना विचार व्यक्त करते हुये कहा कि श्री श्री ठाकुर जी के दया से ही सत्संग की प्राप्ति होता है तथा व्यक्ति सत्संग का लाभ लेता है.सत्संग का संचालन कर रहे ऋत्विक धृतिसुन्दर आगामी 5 नवम्बर को होने वाले उत्सव की चर्चा किया.सत्संग के बाद भंडारा का आयोजन किया गया.भंडारे में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने महाप्रसाद ग्रहण किया.सत्संग में शक्तिदास सिन्हा,चंचला गुप्ता,आशा देवी,रामा देवी,सीमा, पूजा देवी,आरती सिन्हा,मुन्नी देवी,प्रभा देवी,प्रमिला देवी,तारा देवी,वृन्दा देवी,प्रिया देवी,दीप माला,लिलावती देवी,मधु,श्रवण शर्मा,जगनारायण सिंह,अंकित सिंह,राहुल कुमार,पप्पू,कमलेश श्रीवास्तव, राकेश कुमार,राहुल दा,विवेक,उमेश प्रसाद,धृतिदीप्त, संजय दा,अजय दा,राजकुमार, गोविन्द रजक सहित बड़ी संख्या में सत्संगी उपस्थित थे.
श्री बंशीधर नगर-जायन्ट्स ग्रुप सेवा सप्ताह के अंतर्गत जायन्ट्स ग्रुप ऑफ बंशीधर के सदस्यों ने सोमवार को सड़क सुरक्षा को लेकर वाहन चालकों को जागरूक किया.जायन्ट्स ग्रुप के अध्यक्ष रंजन कुमार छोटू ने बताया कि कार्यक्रम अंतर्गत 100 दोपहिया वाहनों के चालकों तथा लगभग चार दर्जन चार पहिया वाहनों के चालकों को सड़क सुरक्षा के तहत पर्चा देकर जागरूक किया गया.मौके पर जायन्ट्स ग्रुप के सचिव अनूप कुमार निराला,डॉ धर्मचन्दलाल अग्रवाल,अश्विनी कुमार,राहुल जायसवाल, गोपाल जायसवाल, प्रमोद कुमार,हृदयानंद कमलापुरी,देव शंकर प्रसाद,शुभम कुमार,धीरज अग्रवाल, विनोद कुमार,गढवा जिला परिवहन कार्यालय के नीरज पांडेय, थाना के सुनील कुमार दास,राहुल कुमार सहित अन्य उपस्थित थे.
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के जिला सचिव राजकुमार राम व कार्यकारी जिला सचिव रामेश्वर प्रसाद अकेला ने नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी से मिलकर व आवेदन देकर कई अनियमितताओं की ओर ध्यान आकृष्ट कराते हुये जांचोपरांत कार्रवाई की मांग किया है.कार्यपालक पदाधिकारी को दिये गये आवेदन में श्री बंशीधर महोत्सव के समय लगाये गये सभी लाइट व बल्बों की जांच कराने,सभी वार्डो में बने पीसीसी पथ व आरसीसी नाली निर्माण की गुणवत्ता तथा नालियों पर लगे पटिया की जांच करने,प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के तहत बने आवासों के निर्माण व तय मानकों की जांच कराने,सभी वार्डो में लगे सोलरयुक्त जलमीनार की जांच कराने तथा बस पड़ाव,बभनी खांड डैम,राजा पहाड़ी का सुंदरीकरण की योजना को धरातल पर उतारने और वार्डो में सड़कों पर जल जमाव से निजात दिलाने की मांग शामिल है.
श्रद्धाभाव के साथ मनाया गया भगवान विश्वकर्मा पूजा, चारों तरफ भक्ति गीतों से माहौल हुआ भक्तिमय

-- विश्व को कर्म प्रदान करने वाले भगवान विश्वकर्मा की पूजा रविवार को पूरे अनुमंडल मुख्यालय में आस्था एवं भक्ति भाव के साथ धूमधाम से मनाया गया।
विश्वकर्मा पूजा को लेकर सुबह से ही लोगों में उत्साह रहा। विश्वकर्मा पूजा को लेकर लोगों ने अपने-अपने वाहनों की साफ सफाई कर उनकी पूजा अर्चना की एवं प्रसाद स्वरूप मिठाइयों का वितरण किया। फल व मिठाइयों की खरीदारी के लिए दिन भर बाजारों में भीड़ लगी रही। इस अवसर पर कंप्यूटर शिक्षण संस्थानों, मोटरसाइकिल दुकानों, शोरूम, साइकिल दुकान, फोटो स्टेट, रेलवे, लोहा पार्ट्स की दुकान, डेकोरेशन, आरा मशीन, आटा चक्की मशीन, वर्कशॉप, विभिन्न मोटर गैरेज, पेट्रोल पंपों सहित अन्य छोटे बड़ी सभी यंत्रों की दुकानों में विश्वकर्मा पूजा की पूजा अर्चना की गई। वहीं भवनाथपुर मोड़ स्थित हनुमान मंदिर में कमांडर चालक संघ, बगल में ही टेंपू चालक संघ तथा चेचरिया पुल के निकट टेंपू चालक संघ द्वारा भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा बैठाई गई थी।
इन जगहों पर सुबह से लेकर देर शाम तक ब्राह्मणों द्वारा पूजा अर्चना कराई गई, साथ ही पूजा के पश्चात श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद का वितरण किया गया। इस दौरान पूरा दिन चारों तरफ भक्ति गीतों से माहौल भक्तिमय रहा। विश्वकर्मा पूजा को लेकर पूजा स्थलों को आकर्षक ढंग से सजाया गया था। इस अवसर पर पेट्रोल पंप स्थित मखदूम अशरफ ऑटो सेल्स हीरो शोरूम में भगवान विश्वकर्मा की पूजा अर्चना धूमधाम से मनाया गया। हीरो शोरूम को झालर, लाइट बत्ती और ध्वनि यंत्र लगाकर सजाया गया था। जो शहर के लिए आकर्षण का केंद्र रहा। विश्वकर्मा पूजा के अवसर पर हीरो शोरूम के संचालक सह प्रतिष्ठित व्यवसाय वीरेंद्र प्रसाद कमलापुरी की ओर से ग्राहकों को प्रत्येक हीरो के मोटरसाइकिल व स्कूटी पर विशेष उपहार दिए जा रहे हैं।
इधर भगवान विश्वकर्मा पूजा के अवसर पर श्रद्धालुओं ने सुबह से देर शाम तक दर्शन के लिए पहुंच रहे थे। श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद का भी वितरण किया जा रहा था।
सुहागिनों ने हरितालिका तीज पर निर्जला व्रत रख मांगा अखंड सुहाग का वरदान,कुंवारी कन्याएं भी मनचाहे वर के लिए मांगी आशीष

- पति के अखंड सौभाग्य की कामना का पवन व्रत हरितालिका तीज सोमवार को अनुमंडल मुख्यालय सहित आसपास के क्षेत्रों में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। महिलाओं ने पूरा दिन निर्जल उपवास रखकर माता पार्वती व भगवान शंकर की पूरे विधि विधान से पूजा कर अपने पति के दीर्घायु, सुख समृद्धि, उन्नति, प्रगति और यश की कामना भगवान से की। इस अवसर पर पेट्रोल पंप स्थित गायत्री शक्तिपीठ में हरितालिका तीज व्रत पर बड़ी संख्या में महिलाओं ने पूजा अर्चना किया।
इस पवित्र मौके पर सौभाग्यवती महिलाओं ने लाल रंग के नए वस्त्र पहन कर, मेहंदी लगाकर, सोलह श्रृंगार किया। वही शुभ मुहूर्त में भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा अर्चना की। गायत्री मंदिर में कर्मकांडी विवेक सुमन के द्वारा पूरे विधि विधान के साथ पूजा अर्चना कराया गया। महिलाओं ने सामूहिक पूजन के दौरान रोली, चावल, पुष्प, बेलपत्र, नारियल, पान, कसैली, धूप, दीया, मिठाई आदि सामान चढ़ाया और भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती का भक्ति भाव से पूजन किया। पूजन के बाद हरितालिका व्रत की कथा सुनाई गई। इस दौरान सुहागिनों ने भगवान शिव से स्वभाव की रक्षा करने की मंगल कामना की। भाद्रपद मास की तृतीया तिथि को मनाया जाने वाले हरितालिका तीज व्रत पर महिलाएं निर्जला व्रत रखती है।
कर्मकांडी विवेक सुमन ने बताया कि मां पार्वती ने इस व्रत को शिवजी को पति के रूप में पाने के लिए किया था। इस व्रत में भगवान शिव और मां पार्वती का पूजन विधि विधान से किया जाता है। आज ही के दिन माता पार्वती को भगवान भोलेनाथ पति के रूप में प्राप्त हुए थे, तभी से इस व्रत को सुहागिन महिलाएं अखंड सौभाग्य के लिए रखती है। जबकि कुंवारी कन्या इस व्रत को रखकर सुयोग्य वर की प्राप्त करती है। उन्होंने बताया कि प्रकृति और प्रेम के भाव से जुड़े इस पर्व पर महिलाएं शुद्ध मिट्टी से शिव पार्वती और श्री गणेश के प्रतीकात्मक प्रतिमाएं बनाकर उनकी पूजा करती है। माना जाता है की मां पार्वती और भगवान शिव की पूजा सौभाग्यदायिनी होती है।मौके पर मीना देवी, अनिता देवी,नंदनी गुप्ता, सुरेखा गुप्ता, इंद्रावती देवी, मधु देवी,पूजा अग्रवाल,निकिता देवी, गीता जायसवाल,गीतांजलि जयसवाल, रूपा दुबे, शोभा देवी,सुप्रिया कुमारी सहित बड़ी संख्या महिलाएं उपस्थित थी।