गढ़वा : अतीत काल से जिला मुख्यालय गढ़वा शहर में चलते आ रही नाग पंचमी के मौके पर परंपरागत अस्त्र - शस्त्र एवं लाठी - झंडे के साथ निकलने वाला नागपंचमी जुलूस पर इस वर्ष करोना के कारण पूर्णतया ब्रेक लग गया, बावजूद नागपंचमी के मौके पर गढ़वा शहर के सांस्कृतिक धरोहर निमिया स्थान अखाड़ा में परंपरागत तरीके से पूजा अर्चना किया गया। तत्पश्चात लाठी भांजने के कला का भी प्रदर्शन किया गया। इसके अतिरिक्त शहर के टंडवा भगलपुर सहित विभिन्न इलाकों में अखाड़ों पर परंपरागत तरीके से पूजा अर्चना नाग पंचमी का किए जाने की सूचना है। मगर जुलूस नहीं निकल पाया, जिससे शहर के साथ - साथ काली मंदिर परिसर में सन्नाटा पसरा रहा। पूर्व में काली मंदिर परिसर में नाग पंचमी के मौके पर भव्य मेला का भी आयोजन किया जाता था।
विदित हो कि जिला मुख्यालय गढ़वा शहर के लिए नाग पंचमी एक बहुत बड़ा त्यौहार रहा है यहां पर वर्षों से या यूं कहें की अतीत काल से परंपरा चली आ रही है कि शहर तथा शहर के आसपास के इलाके के ग्रामीण क्षेत्रों से अखाड़ा में सुबह से ही महावीरी झंडा के साथ नाग पंचमी का चौकी स्थापित कर पूजा अर्चना किया जाता था तथा दोपहर में सभी अखाड़ों की ओर से झंडा के साथ श्रद्धालु परंपरागत हथियार पर लाठी-डंडे का कलात्मक प्रदर्शन करते हुए हरि बोल के नारों के साथ शाम में लोग काली मंदिर पहुंचते थे, जहां पर मां काली की पूजा अर्चना करने तथा मेले का लुफ्त उठाने के बाद जुलूस समाप्त हो जाता था और लोग झंडा लेकर वापस अपने घर लौट जाते थे।
इस मौके पर कई परंपराएं थी, मसलन कुश्ती, गदका प्रतियोगिता जैसी प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाती थी, मगर इस वर्ष कोरोना के कारण दूसरे धार्मिक आयोजनों की तरह नाग पंचमी पर भी जुलूस पर भी पूरी तरह से ब्रेक लगा दिया है।
यह पहला मौका है कि नाग पंचमी के अवसर पर जुलूस नहीं निकला जिससे आज शहर में चहल-पहल के बजाय सन्नाटा ही पसरा रहा।
निमियाँ स्थान में पूजा पाठ के मौके पर प्रेम गौंड़ बच्चा सिंह, अजय सिंह, मिलन सोनी, रामजी सोनी, राजेश गुप्ता, गणेश केशरी, नितिन मोदनवाल, मनीष प्रजापति, प्रेम गौंड़, मदन पहलवान, कुंडल कुमार आदि लोग मौजूद थे।