आगरा के मोहम्मद अली ने सामाजिक संस्था रहमते मुस्तफ़ा सोशल वेलफेयर ट्रस्ट से फर्जी तरीके से 8,000 रुपये गबन कर लिये। मोहम्मद अली संस्था का पूर्व मेंबर भी रहा है और बिना किसी आधार पर संस्था पर झोलझाल करने का आरोप लगाता रहा। अली ने कॉन्ट्रिब्यूशन किये हुए पैसों की मांग कर डाली जो कि निराधार है। कॉन्ट्रिब्यूशन देने के बाद वो पैसे कोई भी संस्था नहीं लौटाती क्योंकि वो सामाजिक कामों की बेहतरी में लगाये जा चुके है जिसका पूरा रिकार्ड संस्था के पास मौजूद है जिसको जब चाहे कोई जांच करा सकते है। हमारी संस्था का ऑडिट भी हो चुका है और रिज़वान खान ने गलत तरह से संस्था में जुड़कर संस्था को बदनाम करने के काम किया। ट्रस्ट के संस्थापक सैय्यद दानिश ने कहा के संस्था के पास सब पैसे का रिकार्ड है जिसको कोई भी जान सकता है मगर सोशल मीडिया के ज़रिए नहीं किया जाएगा। संस्था का कभी ग़लत दुरुपयोग नहीं किया गया क्योंकि मैं एक बेहतरीन फैमिली से आता हूँ जहां हमारे मा बाप ने हर सुख दिए। उन्होंने कहा के गलत तरीके से पैसे कमाने का कभी शौक नहीं रहा और सोशल मीडिया हमारे किरदार को तय नहीं करेगा हमारे काम करने के अंदाज़ अलग है लेकिन निय्यत हमेशा साफ़ व सुथरी है। सैय्यद दानिश ने कहा के किसी पर जुल्म करना वो पसंद नहीं करते मगर वो पैसे लोगों के दिये हुए है और वो उसी जगह इस्तेमाल होगा जहां उसकी ज़रूरत होगी। उन्होंने कहा के हमज़ापुर में कोई भी जाकर पता कर ले जो आदमी गलत होता है उसका मुहल्ला बता देता है।