सामाजिक कार्यकर्ता सह ए हेल्पिंग हार्ट की उपाध्यक्ष सरस्वती एस0 जयम्मा ने पर्यावरण दिवस पर लोगों से पर्यावरण को बचाने की अपील करते हुए कहा के पर्यावरण शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है, परि और आवरण जिसमें परि का मतलब है हमारे आसपास या कह लें कि जो हमारे चारों ओर है। (World Environment Day) विश्व पर्यावरण दिवस पांच जून ( 5th June) को हर साल मनाया जाता है। इसका उद्देश्य लोगों को पर्यावरण की सुरक्षा के प्रति जागरूक और सचेत करना है। 5 जून 1974 को पहला विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया। इस साल कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे मरीजों की दुर्दशा सभी ने देखी है। इसलिए हर कोई पेड़ों के महत्व को जानता है, जो प्राकृतिक रूप से ऑक्सीजन का उत्पादन करते हैं। ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाने के लिए प्रति व्यक्ति तीन पौधे लगाए जाने चाहिए और उनका पोषण करना जरूरी है। मानव और पर्यावरण एक-दूसरे पर निर्भर होते हैं। पर्यावरण जैसे जलवायु प्रदूषण या वृक्षों का कम होना मानव शरीर और स्वास्थय पर सीधा असर डालता है।
मानव की अच्छी-बूरी आदतें जैसे वृक्षों को सहेजना, जलवायु प्रदूषण रोकना, स्वच्छाता रखना भी पर्यावरण को प्रभावित करती है। मानव की बूरी आदतें जैसे पानी दूषित करना, बर्बाद करना, वृक्षों की अत्यधिक मात्रा में कटाई करना आदि पर्यावरण को बूरी तरह से प्रभावित करती है। जिसका नतीजा बाद में मानव को प्राकर्तिक आपदाओं का सामना करके भुगतना ही पड़ता है। पर्यावरणीय समस्याएं जैसे प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन इत्यादि मनुष्य को अपनी जीवनशैली के बारे में पुनर्विचार के लिए प्रेरित कर रही हैं और अब पर्यावरण संरक्षण और पर्यावरण प्रबंधन की आवश्यकता महत्वपूर्ण है।