चतरा के टंडवा में संचालित सीसीएल प्रबंधन के विरुद्ध प्रभावित गांवों के रैयतों का गुस्सा आखिरकार फुट ही गया। ग्यारह सूत्री मांग के समर्थन में मगध परियोजना प्रभावित सात गांवों के भु-रैयतों ने जुलूस निकालकर प्रबंधन के नीतियों पर विरोध जताया है। विस्थापित रैयत मजदूर एकता संघ के बैनर तले सैंकड़ों की संख्या में मगध कोल परियोजना के खिलाफ रैयतों ने रैली निकाली। जो पूरे मगध भ्रमण करते हुए मगध पीओ ऑफिस के मुख्य गेट पहुचे। जहा सुरक्षा बलों ने जुलूस को रोककर वापस भेज दिया। जिसके बाद जुलूस एक सभा मे तब्दील हो गई। भुरैयतों ने सीसीएल प्रबंधन पर दोहरी नीति अपनाने का आरोप लगाते हुए रैयतों के भविष्य से खिलवाड़ करने का आरोप लगाया। कहा कि दूसरे कोल परियोजना में गैरमजरुआ भूमि के बदले नौकरी, मुआवजा अन्य सुविधा दिया गया हैं। लेकिन मगध में नही दी जा रही हैं। सात गांव के ग्रामीण भु-रैयतों ने सीसीएल प्रबंधन से दूसरे कोल माइन्स की तर्ज पर अविलंब मुआवजा भुगतान, ट्रांस्पोटिंग सड़क निर्माण, स्थानीय को रोजगार, रोड़ सेल चालू करने समेत 11 सूत्री अन्य मांग पूरी करने की जिद पर अड़े हैं।