राजद प्रदेश महासचिव भाई अरूण कुमार एवं अत्यंत पिछड़ा प्रकोष्ठ के
प्रदेश प्रवक्ता उपेन्द्र कुमार चन्द्रवंशी ने एक संयुक्त प्रेस बयान जारी कर कहा कि रूपेष हत्याकांड के 60 घंटे गुज़र जाने के बाद भी अपराधी पटना पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। इन्हीं सवालों को लेकर पत्रकारों ने जब माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी से सवाल किया तो मुख्यमंत्री जी ने जिस प्रकार झुंझला कर पत्रकारों को जवाब दिया उससे उनकी मजबूरियां झलक रही थी। जिस प्रकार पत्रकारों के सवाल के जवाब में वे लालू जी के पन्द्रह सालों के शासन से तुलना करने लगें उससे लग रहा था कि मुख्यमंत्री जी में आत्मविश्वास समाप्त हो चुका है और वे इस कदर बेबस एवं
लाचार हो गये हैं कि पत्रकारों के सवालों का सामना भी नहीं कर पा रहे थे। यहां तक की वे एक पत्रकार को यह कह डाला कि आप किस पार्टी से संबंध रखते
हैं यह मैं जानता हूँ
एक मुख्यमंत्री को पत्रकारों के प्रति ऐसी भाषा का प्रयोग कहीं से भी उचित नहीं लग रहा था। इन नेताओं ने आरोप लगाया कि अपराध के बाद मुख्यमंत्री जी एवं सत्तापक्ष के लोग लंबे चौड़े बयान देकर अपने फर्ज को अंजाम दे देते हैं। परन्तु ना ही अपराधी पकड़े जाते हैं और ना ही किसी भी केस में अपराधियों को सजा हो रही है। बिहार में जिस प्रकार प्रतिदिन नौ हत्याएं एवं अन्य अपराधिक वारदात हो रहे हैं। पूरे देश में अपराध की जो एनसीआर की रिपोर्ट है उसमें बिहार को दूसरे नम्बर पर रखा गया है। नीतीश जी अपने शासन को सुशासन कहने में लगे हुए हैं जबकि नीतीश जी का शासन किसी राक्षसराज से कम नहीं है।