REPOTER/ NIKHIL KUMAR
बोकारो। बोकारो जिले विभिन्न क्षेत्रों में कोरोना की वैश्विक महामारी एवं लॉकडाउन के बावजूद भी धार्मिक प्रवृत्ति की महिलाओं के द्वारा गुरुवार को बेरमो के विभिन्न स्थानों पर अपने पति की लंबी आयु के लिए अहले सुबह से ही वट सावित्री पूजा करती हुई महिलाओं की भीड़ भाड़ देखी गई। महिलाओं के द्वारा नए परिधान के साथ अपने बालों में वट का पत्ता लगाकर वट वृक्ष के पेड़ की पूजा-पाठ करते देखी गई। इस दौरान पूरे क्षेत्र में आस्था का माहौल रहा। बेरमो प्रखंड में फुसरो, बीडीओ ऑफिस, जीएम कॉलोनी, करगली बाजार, ढोरी स्टाफ क्वार्टर, जीएम कॉलोनी ढोरी, घुठियां टांड़, करगली गेट, सुभाष नगर, जवाहर नगर, कारो, मकोली, सेंटर कॉलोनी, खास ढोरी, जारंगडीह, बोकारो थर्मल, स्वांग, गोमिया, दुग्धा, चंद्रपुरा जैनामोड, कसमार, बहादुरपुर, पेटरवार, तूपकाडीह, नावाडीह, कथारा, पिछरी, भंडारीदह इत्यादि स्थानों में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।
अखंड सौभाग्यवती व पति की लंबी उम्र की कामना को लेकर यह त्योहार बहुत ही हर्षोल्लास से मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार वट सावित्री व्रत हर साल जयेष्ट मास की अमावस्या के दिन मनाया जाता है। महिलाएं प्रत्येक वर्ष वट सावित्री व्रत की का इंतजार करती है। इस व्रत का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। यह व्रत पति के दीर्घायु और संतान की उज्जवल भविष्य के लिए रखा जाता है।
वट सावित्री व्रत का महत्व :
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माता सावित्री अपने पति के प्राण यमराज से मुक्त करा कर ले आई थी। इस वजह से इस व्रत का विशेष महत्व है। इस व्रत में महिलाएं वटवृक्ष और सावित्री - सत्यवान की पूजा करती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार वटवृक्ष में ब्रह्मा विष्णु और महेश तीनों देवताओं का वास होता है। जिसके कारण सुहागिनों को विशेष फल प्राप्ति होती है। मान्यता के अनुसार वट सावित्री व्रत की कथा सुनने मात्र से ही व्यक्ति की सभी मनोकामना पूर्ण हो जाती है। इस व्रत से सुहागिन महिलाओ को अखंड सौभाग्य और संतान की प्राप्ति होती है।